दिल्ली का सिम, बांग्ला भाषा और ठगी,साइबर फ्रॉडों के निशाने पर बिहार के सरपंच
मुजफ्फरपुर में सरपंचों को ठगने वाले साइबर गिरोह के तार बिहार से बाहर जुड़े होने की आशंका है। ठगों की भाषा में बांग्ला लहजा होने से पश्चिम बंगाल या बांग्लादेश कनेक्शन का संदेह है। इस्तेमाल किया जा रहा सिम दिल्ली का है। हाल ही में सकरा के एक सरपंच से 7700 रुपये की ठगी हुई।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। जिला पंचायती राज पदाधिकारी के नाम से सरपंचों को कॉल कर ठगी का प्रयास करने वाले साइबर फ्रॉड गिरोह के तार बिहार के बाहर से जुड़ रहे हैं। साइबर ठग की भाषा में बांग्ला टोन होने से आशंका जताई जा रही है कि ये पश्चिम बंगाल या बांग्लादेश से जुड़े हो सकते हैं।
दूसरी ओर प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि जिस सिम का उपयोग किया जा रहा है वह दिल्ली का नंबर है। इससे लगातार ठगी की जा रही है। गुरुवार को भी सकरा प्रखंड के एक सरपंच से 77 सौ रुपये की ठगी कर ली गई है।
दरअसल, मड़वन के झखड़ा शेख के सरपंच नौशाद अहमद को बुधवार शाम कॉल का कॉल आया। बताया कि वह हिंदी में बात कर रहा था, लेकिन उतना स्पष्ट नहीं बोल पा रहा था। बोलचाल के क्रम में बांग्ला टोन कई बार निकल रहा था। इससे आशंका जताई जा रही कि उक्त कॉल बांग्लादेश अथवा पश्चिम बंगाल से आ रहा होगा।
एक बार कॉल आने के बाद वह मोबाइल नंबर हमेशा के लिए स्विच आफ हो जा रहा है। साइबर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सरपंचों ने नंबर की जानकारी दी है। औराई पुलिस जांच कर लोकेशन पता करने में जुटी है। सिम दिल्ली का बताया जा रहा है।
करीब एक सप्ताह पूर्व औराई के भी एक सरपंच को फ्रेंड ने कॉल कर 76 हजार रुपये की ठगी कर ली थी। इस मामले में प्राथमिकी कराई गई थी। इधर, मड़वन के सरपंच की ओर से इसकी जानकारी प्रशासनिक पदाधिकारियों को दी गई है।
जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने एक बार फिर सभी को अलर्ट रहने को कहा है। इस तरह के कॉल आने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर व निकटतम थाने में शिकायत कराने को कहा है।
विदित हो कि पूर्व में भी कई बार पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश से कॉल कर लोगों से ठगी करने की बात पुलिस छानबीन में सामने आ चुकी है। करीब तीन साल पहले शहर के एक बैंक कर्मी भी इसमें गिरफ्तार हुआ था। छानबीन हुई तो पता लगा कि वह पश्चिम बंगाल के गिरोह के संपर्क में था। पुलिस को कई छद्म बैंक खाते की भी जानकारी मिली थी, जिसमें फ्राड की गई राशि का लेनदेन होता था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।