बिहार विश्वविद्यालय में चरम पर है भ्रष्टाचार, राजभवन व शिक्षा मंत्री से होगी शिकायत
छात्र हम के प्रदेश अध्यक्ष बोले- अब आंदोलन ही विकल्प। छात्र नेताओं ने कहा- पढ़ाई परीक्षा और परिणाम चौपट हो रही इससे अधिकारियों को मतलब नहीं। एक सप्ताह के भीतर यदि जांच शुरू नहीं की गई तो राजभवन से लेकर शिक्षा मंत्री और प्रधान सचिव तक शिकायत की जाएगी।

मुजफ्फरपुर, जासं। बीआरए बिहार विवि में एक महीने से आडिट कर रही टीम को मैनेज करने के लिए प्राचार्यों से पैसे की मांग पर छात्र संगठनों का आक्रोश बढ़ रहा है। तीन दिनों से इस प्रकरण को दैनिक जागरण में प्रमुखता से प्रकाशित किए जाने के बाद शुक्रवार को छात्र संगठनों ने भी मामले को लेकर आक्रोश जताया है। छात्र जदयू के विवि महासचिव अंकित कुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रतिकुलपति प्रो.रवींद्र कुमार को ज्ञापन सौंपा। छात्र नेताओं ने कहा कि समाचार पत्र में प्रकाशित होने के बाद मामला संज्ञान में आया है। विवि के पदाधिकारी प्राचार्यों पर आडिट टीम को मैनेज करने के नाम पर तीन-तीन लाख रुपये वसूली के लिए दबाव बना रहे हैं। इसकी उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए। छात्र हम के प्रदेश अध्यक्ष संकेत मिश्रा ने कहा कि विवि में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। अब पदाधिकारी स्वयं पैसे की उगाही करने में लग गए हैं। छात्र-छात्राएं पढ़ाई, परीक्षा और परिणाम के लिए चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन पदाधिकारियों को इससे मतलब नहीं है। ऐसे में एक सप्ताह के भीतर यदि जांच शुरू नहीं की गई तो राजभवन से लेकर शिक्षा मंत्री और प्रधान सचिव तक शिकायत की जाएगी। साथ ही छात्र संगठन एकजुट होकर आंदोलन करने पर बाध्य होंगे।
खबर नहीं छापने का दबाव बना रहा बिचौलिया
खबर प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद पदाधिकारियों के इशारे पर बिचौलिए सक्रिय हो गए हैं। गुरुवार और शुक्रवार को अधिकारियों के एक करीबी बिचौलिया ने दैनिक जागरण को फोन कर खबर नहीं प्रकाशित करने का दबाव बनाया। उसने प्राचार्यों को ही दोषी बताया। कहा कि सभी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और बचने के लिए इस प्रकार का अफवाह फैला रहे हैं। उसने यह भी कहा कि यदि विवि के पदाधिकारी ने इस प्रकार का कार्य किया है तो यह गलत है, लेकिन आगे से इस प्रकार की खबर छपने से बचने को कहा। बिचौलिए ने खुद को विवि के एक विभाग का पदाधिकारी बताया।
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