उपभोक्ता आयोग में 2154 मामले लंबित, सदस्यों की कमी से हफ्ते में सिर्फ दो दिन सुनवाई
Consumer Forum Muzaffarpur: मुजफ्फरपुर जिला उपभोक्ता आयोग उधार के सदस्य के सहारे चल रहा है। तीन सदस्यों के बदले केवल एक सदस्य के रहने से छह दिन सुनवाई ...और पढ़ें

उधार के सदस्य से पूरा हो रहा आयोग में सुनवाई का कोरम। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Jago Grahak Jago: जिला उपभोक्ता आयोग में सदस्यों की भारी कमी के कारण मामलों के निपटारे की रफ्तार बेहद धीमी हो गई है।
तीन सदस्यों वाले आयोग में वर्तमान में केवल एक स्थायी सदस्य कार्यरत हैं, जिस कारण सप्ताह में छह दिन के बजाय सिर्फ दो दिन ही नियमित सुनवाई हो पा रही है। नतीजतन आयोग में 2154 मामले लंबित पड़े हैं।
जानकारी के अनुसार वर्ष 1995 से अब तक उपभोक्ता आयोग में कुल 3457 वाद दायर किए गए, जिनमें से 1303 मामलों का ही निपटारा हो सका है। शेष 2154 मामले अभी लंबित हैं।वर्ष 2024 में 214 और 2025 में अब तक 236 नए मामले दर्ज हुए हैं, जबकि इन दो वर्षों में केवल 27 मामलों का ही निष्पादन हो पाया।
2023 से खाली पड़े हैं पद
आयोग में मार्च 2023 से एक सदस्य का पद रिक्त है। वर्तमान में वैशाली जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष पीयूष कमल दीक्षित मुजफ्फरपुर आयोग का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं। वहीं यहां पदस्थापित सदस्य सुनील तिवारी को समस्तीपुर जिला उपभोक्ता आयोग का भी प्रभार दिया गया है।
नियमों के अनुसार आयोग में कम से कम दो सदस्यों की उपस्थिति में ही नियमित सुनवाई संभव है, लेकिन सदस्यों की कमी के कारण सोमवार और मंगलवार को ही मामलों की सुनवाई हो पा रही है। आयोग में एक महिला सदस्य का पद भी मार्च 2023 से खाली है।
वरीय नागरिकों और महिलाओं को प्राथमिकता
जिला उपभोक्ता आयोग के सदस्य सुनील तिवारी ने बताया कि पुराने और नए दोनों प्रकार के मामलों की सुनवाई साथ-साथ की जा रही है। सुनवाई के दौरान वरीय नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगजनों को प्राथमिकता दी जाती है। रिक्त पदों पर बहाली के लिए विभाग को पत्र भेजा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही सुनवाई सप्ताह में छह दिन शुरू होगी।
उन्होंने बताया कि खराब गुणवत्ता वाले सामान या सेवाओं से संबंधित शिकायतों की सुनवाई आयोग में की जाती है। उपभोक्ता ‘जागो ग्राहक जागो’ अभियान के तहत भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए बिल, रसीद, वारंटी कार्ड और खराब उत्पाद से जुड़े प्रमाण सुरक्षित रखना जरूरी है।
2000 से मनाया जा रहा उपभोक्ता दिवस
जानकारी के अनुसार 24 दिसंबर 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम लागू किया गया था, जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करना है। अधिनियम में 1991, 1993 और 2002 में संशोधन किए गए। राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 2000 से हुई, जो हर साल उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूकता के लिए मनाया जाता है।

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