मुजफ्फरपुर में 28 पंचायत सरकार भवनों का लोकार्पण, 20 कन्या विवाह मंडपों का शिलान्यास
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर में 28 पंचायत सरकार भवनों का लोकार्पण किया और 45 पंचायत सरकार भवनों व 20 मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडपों का शिलान्यास किया। यह निर्णय महिलाओं के सुझाव पर लिया गया जिसके तहत प्रत्येक विवाह मंडप 13200 वर्ग फुट में बनेगा और जीविका समूहों द्वारा संचालित होगा।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऑनलाइन माध्यम से जिले के अंतर्गत 28 पंचायत सरकार भवनों का लोकार्पण किया। इसके अलावा 45 पंचायत सरकार भवनों तथा 20 मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप का शिलान्यास किया। जिला से लेकर प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर समारोह हुए। लाइव वेबकास्टिंग से जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व आमजन ने कार्यक्रम की सीधी झलक देखी।
विदित हो कि मुख्यमंत्री महिला संवाद कार्यक्रम में राज्य सरकार ने विभिन्न पंचायतों में महिलाओं से संवाद स्थापित किया था। इसमें महिलाओं ने विवाह मंडपों की आवश्यकता पर बल दिया था। महिलाओं के सुझाव को सरकार ने गंभीरता से लिया और मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना का शुभारंभ किया।
योजना के तहत प्रत्येक विवाह मंडप करीब 13200 वर्गफुट क्षेत्रफल में ग्राम पंचायत स्तर पर निर्मित होंगे। इनके संचालन व रखरखाव की जिम्मेदारी जीविका समूहों को सौंपी जाएगी। इससे न केवल महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित होगी, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी ठोस कदम सिद्ध होगा।
इन प्रखंडों के पंचायतों में बनेंगे विवाह मंडप
वर्तमान चरण में जिले के 10 प्रखंडों की 20 पंचायतों में विवाह मंडपों का निर्माण किया जाएगा। बोचहां में मैदापुर, सर्फुद्दीनपुर, कटरा में हथौड़ी, पहसौल, सकरा में पैगंबरपुर, जगदीशपुर बघनगरी, मड़वन, बिशुनपुर बघनगरी, केशोपुर, मुशहरी में नरौली पंचायत, कुढ़नी में मोहम्मदपुर मोबारक, पकाही, किनारू, साहेबगंज में हुस्सेपुर, मुरौल में महम्मदपुर बदल, इटहां रसूलनगर, बिशुनपुर श्रीराम, पारू मे चक्की सोहागपुर, मोतीपुर में महमदपुर बलमी और सरैया में रेपुरा, रामपुर विश्वनाथ।
शादी समारोह तक नहीं रहेगा सीमित
विवाह मंडपों का उपयोग केवल शादी समारोह तक सीमित नहीं रहेगा। ये मंडप सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में कार्य करेंगे। यहां ग्राम सभाएं, महिला स्वयं-सहायता समूहों की बैठकें, युवा मंडलों के कार्यक्रम, सांस्कृतिक आयोजन, जागरूकता अभियान व अन्य सामुदायिक गतिविधियां आयोजित की जा सकेगी।
गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों को अब न्यूनतम खर्च में सम्मानपूर्वक एवं सुव्यवस्थित आयोजन करने का अवसर मिलेगा। विशेषकर गरीब, वंचित और मध्यमवर्गीय परिवारों को सामाजिक आयोजनों के लिए अब निजी भवनों या अस्थायी पंडालों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
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