Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब गंगाबक्स चोखानी कॉलेज में सिर्फ कॉमर्स की पढ़ाई

    By Edited By:
    Updated: Mon, 15 Aug 2016 02:08 AM (IST)

    अब गंगाबक्स चोखानी मारवाड़ी महिला डिग्री कॉलेज पुरानी बाजार में नए सत्र से इंटर व स्नातक में केवल कॉमर्स की पढ़ाई होगी। ...और पढ़ें

    Hero Image

    मुजफ्फरपुर। अब गंगाबक्स चोखानी मारवाड़ी महिला डिग्री कॉलेज पुरानी बाजार में नए सत्र से इंटर व स्नातक में केवल कॉमर्स की पढ़ाई होगी।

    प्राचार्या लाजो केडिया ने बताया कि वाणिज्य की शिक्षा बदलते समय की मांग है। वर्तमान में आ‌र्ट्स के विभिन्न विषयों में छात्राओं की संख्या महज 20-25 है, जो पहले 150-200 होती थी। इसे देखते हुए संचालन समिति थोक वस्त्र विक्रेता ट्रस्ट ने अभिभावकों व छात्राओं से बातचीत में विषयों में रुचि की जानकारी ली। इसमें 90 प्रतिशत ने साइंस व कॉमर्स और सिर्फ 10 प्रतिशत ने आ‌र्ट्स चुना।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उद्देश्य पर व्यवसायीकरण हावी

    प्रोफेसर इंचार्ज सह राजनीति विज्ञान की प्राध्यापिका डॉ. रेखा और समाजशास्त्र की डॉ. अर्चना अनुपम सहित कुल आठ शिक्षकों का कहना है कि ट्रस्ट के उद्देश्य पर व्यवसायीकरण हावी हो रहा है। नए सत्र में नामांकन के लिए आ‌र्ट्स की लगभग 70 छात्राएं लौट गई। बंद करने का नोटिस समय से देने के लिए सभी टीचर कमेटी के सदस्यों से मिले थे, लेकिन ट्रस्ट ने अचानक फरमान सुना दिया। 33 सालों से चल रहे इंटरमीडिएट में 15 साल पूर्व इंटर काउंसिल से मान्यता के लिए पत्राचार किया गया, जो नहीं मिली।

    विषय विशेष से मतलब नहीं :

    मैनेजिंग कमेटी के सह अध्यक्ष ललित कुमार केजरीवाल कहते हैं कि शिक्षकों को एक वर्ष का समय दिया गया है ताकि आ‌र्ट्स में छात्राओं की उपस्थिति व परफॉमेंस को देखें। ट्रस्ट का लक्ष्य गरीब छात्राओं को शिक्षित करना है। विषय विशेष से उनका मतलब नहीं।

    थोक ट्रस्ट विक्रेता ट्रस्ट के सचिव युधिष्ठर पाहुजा की मानें तो इंटर की मान्यता नहीं है इसलिए सत्र 2016-2018 से नामांकन नहीं लेने का निर्णय किया है। पूर्व सचिव डॉ. राम बंका के अनुसार,15 साल पूर्व सीबीएसई से प्लस टू की मान्यता के लिए अप्लाई किया गया था, लेकिन नहीं मिल सकी।

    तीन बार विवि ने किया निरीक्षण : प्राचार्या लाजो केडिया कहती हैं कि15 दिन पूर्व पत्राचार के माध्यम से हमने विवि के हर बात का जवाब दिया। तीन बार विवि ने निरीक्षण किया। तब हमें स्नातक में पांच विषयों के लिए मान्यता मिली।

    मापदंड पर ही मान्यता : बीआरए बिहार विवि के प्रॉक्टर डॉ. सतीश कुमार राय कहते हैं कि पांच एकड़ जमीन प्राथमिकता है। वहीं भवन, कमरे और पुस्तकालय सहित अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर के मापदंड पर खरा उतरने बाद ही मान्यता दी जाती है। किस आधार पर मान्यता की अनुशंसा की गई यह फाइल देखकर बता पाऊंगा।