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    तारे जमीं पर पेंटिंग प्रतियोगिता में बच्चों ने भरे कल्पना में रंग

    By Ajit KumarEdited By:
    Updated: Sun, 25 Nov 2018 11:00 PM (IST)

    दैनिक जागरण व माउंट लिटेरा जी स्कूल के तत्वावधान में तारे जमीन पर पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित। ...और पढ़ें

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    तारे जमीं पर पेंटिंग प्रतियोगिता में बच्चों ने भरे कल्पना में रंग

    मुजफ्फरपुर, जेएनएन। आंखों में सपना, सपना में कल्पना और उनमें रंग भरने की आतुरता। मन में उत्साह और भावनाओं का प्रवाह। कुछ ऐसा ही दृश्य था जिला स्कूल के मैदान में। विभिन्न स्कूलों की कक्षा एक से आठ तक के बच्चों से पूरा मैदान एक विशाल कैनवास बन गया था। अवसर था दैनिक जागरण और माउंट लिटेरा जी स्कूल के तत्वावधान में आयोजित 'तारे जमीन पर' पेटिंग प्रतियोगिता का। करीब एक हजार से अधिक बच्चों ने अपनी कला प्रतिभा को आकार दे उनमें रंग भरे। उनमें विचार और कल्पना दोनों का समन्वय दिखा। उमंग इतना कि तेज धूप में बिना विचलित हुए भावनाओं की रंगीन दुनिया बना रहे थे।

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    बच्चों में जल्द पहुंचने की थी जिद

    बच्चों में इस प्रतियोगिता में भाग लेने का इतना उत्साह था कि सुबह से ही अपने मम्मी-पापा से वहां पहुंचने की जिद कर रहे थे। एक दिन पहले ही कागज, कलर व स्टेशनरी मंगा कर रख लिए थे। 10 बजते- बजते जिला स्कूल मैदान में विभिन्न स्कूलों के बच्चे अभिभावकों के साथ पहुंच भी गए थे। अपनी मासूम भावनाओं व कल्पनाओं में रंग की तैयारी के साथ सभी 11 बज कर 30 मिनट पर शुरू हो गए। एक घंटे का समय पूरा होने के बाद जो बच्चे बाद में आए थे, उन्हें 15 मिनट का समय दिया गया। इस प्रकार उन बच्चों से पौने एक बजे ड्राइंग शीट ली गई।

    दो ग्रुपों में हुई प्रतियोगिता

    प्रतियोगिता को दो ग्रुप में बांटा गया है। पहला ग्रुप कक्षा 1 से 4 तक का है। दूसरा ग्रुप कक्षा 5 से 8 तक का है। पहले ग्रुप के बच्चों के लिए विषय ड्रीम होली डे विद माई फैमिली और दूसरे गु्रप के लिए ग्लोबल वार्मिंग था। कहावत सही साबित हुई

    अंग्रेजी में कहावत है कि चाइल्ड इज द फादर ऑफ मैन। इस कहावत को आज बच्चों ने अपनी कला प्रतिभा दर्शा कर सच साबित कर दिया। उनके सपने में छुट्टियां अपने परिवार के साथ बिताने का जो परिदृश्य था, वो बेहद विचारों से भरा था। सबसे पहली बात यह थी कि किसी पहाड़ी स्थान पर वे अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताएं। ये उनकी इच्छा दिखी। यानी शहर के शोर शराबे से दूर रहने की बात उनके पेंटिंग में थी। दूसरी कि परिवार भी छोटा ज्यादातर पेटिंग में बच्चे अकेले अधिक से अधिक दो के साथ होने का भाव दिखाया।

    वैभव लक्ष्मी की पेंटिंग प्रभावी रही

    प्रतिभागियों में वैभव लक्ष्मी की पेंटिंग ने सभी को आकर्षित किया। उसने अपनी पेंटिंग में सिर्फ जलवायु परिवर्तन का खौफ नहीं दिखाया बल्कि सोच भी दिया कि पेड़ बचाओ पेड़ लगाओ और पृथ्वी बचाओ। सांसों में घुल रहा है। आयोजक मंडल के लोगों से लेकर प्रायोजकों ने भी उसके चित्र की सराहना की। इसके अलावा कक्षा सात की छात्रा अनुष्का ने प्रदूषण के पंजे में सिमटी पृथ्वी का चित्र बनाया।

    वहीं, ग्लोबल वार्मिंग विषय पर भी बच्चों में प्रदूषण का पंजा बेहद डरावना दिखाया।

    ये हैं प्रायोजक

    मुख्य प्रायोजक : माउंट लिटेरा जी स्कूल।

    पावर्ड बाय : होली मिशन सीनियर सेकेंडरी स्कूल।

    को-स्पांसर : सेंट जोसेफ सीनियर सेकेंडरी स्कूल, चंद्रशील विद्यापीठ व डॉल्फिन पब्लिक स्कूल।

    सह प्रायोजक : डीएवी पब्लिक स्कूल, क्राइस्ट ज्योति इंटरनेशनल स्कूल, सरस्वती विद्या मंदिर, स्काई लिंक एजुकेशन, द्रोण प्रेप/पब्लिक स्कूल कोचिंग सेंटर, आवासीय संत कोलंबस कोचिंग सेंटर, प्रेप पब्लिक स्कूल, प्रिस्टाइन चिल्ड्रेंस हाईस्कूल, सुधा मुजफ्फरपुर डेयरी एवं यशराज मोटर्स।

    ऑनलाइन पार्टनर : एमयूजेड न्यूज।