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    लोकल केला Out of Stock, इस जगह के केले से छठी मैया को अर्घ्य देंगी व्रती

    By Keshav Kumar Edited By: Ajit kumar
    Updated: Wed, 22 Oct 2025 03:28 PM (IST)

    Chhath 2025: मुजफ्फरपुर में छठ पूजा की तैयारी जोरों पर है, जिससे फलों की मंडियां सज गई हैं। इस बार लोकल केले की कमी के कारण बाहर से केले मंगाए जा रहे हैं। फलों के दाम पिछले साल से 15-20% अधिक हैं, फिर भी 500 करोड़ के कारोबार का अनुमान है। खुदरा और थोक बाजार में 20-25% का अंतर है। बांस महंगा होने से कारीगरों को भी परेशानी हो रही है।

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    Chhath 2025: बाजार समिति पहुंचा कर्नाटक का केला और श्रीनगर के बगान का सेब। जागरण 

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Chhath 2025: लोक आस्था के महापर्व छठ की तैयारियां तेज हो गई हैं। अहियापुर इलाके के कृषि बाजार समिति में फलों की मंडिया फलों से सज चुकी हैं। बाजार समिति के बाहर भी अस्थायी दुकानें लग गई हैं।

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    थोक व्यापारी के साथ ही खुदरे खरीददारी के लिए बाजार समिति पहुंचने लगे है। इससे वर्तमान हालत के मुताबिक व्यापरियों को नुकसान पहुंचना बताया जा रहा है। केला, सेब, नारंगी, केनु, अनारस, नारियल, अनार, नाशपाती, अमरुद का बाजार में तेजी नहीं है।

    कर्नाटक से आ रही केला तो कश्मीरी सेब। केला मंडी के व्यवसायी सौरभ सिंह बताते है कि लोकल केला की खेती बेहतर नहीं रहने के कारण इस बार कर्नाटक से केला मंगाना पड़ा।

    बाजार को देखते हुए स्टाक पूरा कर रखे है, लेकिन भाव मिलना मुश्किल हो रहा है। कहा कि स्टाक के मुताबिक खरीदार भी नहीं पहुंच रहे है। वर्तमान बाजार भाव के मुताबिक केला 250-350 रुपए घौड़ है।

    बरहरी, चंपा और चिनिया भी नहीं उठ रहा। जबकि उन्होंने इनके आलावा बरैली, सिंगापुर, रविस्टा, टिशु और चपरा का पर्याप्त स्टाक है। घाटा लगाकर बिक्री कर माल खपत कर रहे है।

    अनार मंडी के धमेंद्र कुमार कहते है कि पर्व में मंडी के भाव मे चढ़ने के कारण नासिक से स्टाक मंगा लिया है। दो दिनों से बाजार की स्थिति के मुताबिक बाजार रेट चढ़ नहीं रहा है।

    अब भी अनार महज 120-130 किलो तक की दर पर अटका है। सेब मंडी के समीम अख्तर बताते है कि अब तक मंडी में कश्मीरी सेब ही आ रहा है। यह सीधे बगान से स्टाक कर गाड़ी आ रही है।

    नतीजतन अन्य वर्ष के अपेक्षा रेट अधिक है। वर्तमान डिलिसस 70 तो रोल 65 तो अमेरिकन 90 के भाव है। हिमाचल का स्टाक के बाद भी दर में कमी आ सकती है।

    मार्केट दर अधिक के कारण स्टाक के मुताबिक ग्राहक या व्यापारी नहीं पहुंच रहे। केनु इन दिनों 90 के दर से बिक्री हो रहा तो नारंगी 50 रुपए प्रति किलो है। सिलीगुड़ी से अनारस का आया स्टाक। पच्चीस सौ रुपए प्रति सैकड़ा है।

    अमरुद सत्तर तो शरीफा सौ रुपए प्रति किलो पर है। नाशपाती अस्सी रुपए है। कारोबारियों की मानें तो पिछले साल की तुलना में इस बार 15 से 20 फीसदी तक महंगा है। इसके बावूजद पांच सौ करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है।

    थोक और खुदरा में 20 से 25 फीसदी का अंतर

    कारोबारियों की मानें तो थोक मंडी और खुदरा बाजार में 20 से 25 फीसदी का अंतर होता है। सेब 90 रुपये से लेकर 150 रुपये प्रति किलो है। संतरा में 80 से 100 रुपये किलो। अमरुद खुदरा बाजार में 100 से 120 रुपये प्रति किलो।

    अनानास 100 से 150 रुपये जोड़ा है। शरीफा 110 से 150 रुपये किलो हैं। अनार 150 से 170 रुपये किलो है। नासपति 70 से 130 रुपये, गगर नींबू 30 से 60 रुपये प्रति जोड़ा, पानी नारियल 50 से 60 रुपये प्रति पीस के भाव से बिक रहा है।

    मजदूरी के मुताबिक रेट नहीं

    पियर के मिथुन महतो कहते है कि बांस 150 से अधिक रुपये है। मजदूरी 400। फिर भी कारीगरी का रेट बाजार के मुताबिक नहीं मिल रहा। एक दिन में एक दउरा और सुप अधिक से अधिक बन पाता है। उसके मुताबिक कुछ नहीं मार्केट से मिल रहा है। खैर इसी में काम चलाना है।