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    Muzaffarpur Weather: उत्तर बिहार में बदला मौसम का मिजाज, अब ठंड की आहट

    By Dharmendra Kumar SinghEdited By:
    Updated: Tue, 18 Oct 2022 07:30 AM (IST)

    Muzaffarpur Weather उत्‍तर बिहार के मौसम में धीरे-धीरे बदलाव शुरू हो गया है। दिन में धूप रात में गुलाबी ठंड का अहसास। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट। अगात धान एवं मक्का की तैयार फसलों की कटाई एवं झराई करने की किसानों को सलाह।

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    उत्‍तर बिहार के मुजफ्रफरपुर समेत अन्‍य जिलों में तापमान में गिरावट। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। उत्‍तर बिहार के मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्‍तीपुर, सीतामढ़ी समेत अन्‍य जिलों में मौसम का मिजाज बदलने लगा है। तापमान में गिरावट के साथ ही देर रात ठंड का अहसास होने लगा है। मुजफ्फरपुर में मंगलवार की सुबह से मौसम सुहाना है। हल्‍की ठंड के साथ हवा चल रही। वहीं सोमवार को सुबह आसमान में हल्के बादल छाए रहे। दिन में धूप निकली। इस बीच अधिकतम व न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है।

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    अगलेे 24 घंटे शुष्‍क रहेगा मौसम 

    डा.राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के मुताबिक सोमवार को अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामन्य से 0.3 डिग्री सेल्सियस कम रहा। न्यूनतम तापमान 19.5 डिग्री सेल्सियस पर रहा। यह सामान्य से 2.7 डिग्री सेल्सियस कम रहा। 5.1 किलोमीटर की गति से पछिया हवा चली। सापेक्ष आर्द्रता सुबह सात बजे 93 प्रतिशत तथा दोपहर दो बजे 51 प्रतिशत रहा। मौसम सेवा के नोडल पदाधिकारी डा.ए सतार ने बताया कि अगले 24 घंटे तक मौसम शुष्क रहेगा। इस अवधि में अधिकतम तापमान 31 से 33 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 22 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 6 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पछिया हवा चलने की सम्भावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 65 से 75 प्रतिशत तथा दोपहर में 55 से 60 प्रतिशत रहने की संभावना है।

    फसल का ध्यान रखे किसान

    शुष्क मौसन की संभावना को देखते हुए अगात धान एवं मक्का की तैयार फसलों की कटाई एवं झराई करें। रबी फसल के लिए खेत की तैयारी करें। फसलों की स्वस्थ एवं गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए 150 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से गोबर खाद की मात्रा पूरे खेत में अच्छी प्रकार बिखेरकर मिला दें । खड़ी फसलों में कीट व्याधि का निरीक्षण करते रहे । अब शरदकालीन गन्ना की रोपाई की जा सकती है। बालियाँ निकलने तथा दूध भरने की अवस्था वाली धान की फसल में गंधी बग फीट की निगरानी करें फसल में कीट की संख्या अधिक पाये जाने पर इसकी रोकथाम के लिए दवा का छिडकाव करे।