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    जिनकी जांच से बालिका गृह कांड के दोषियों को मिली सजा, वो CBI की विभा कुमारी गृहमंत्री पदक सम्मान के लिए चयनित

    By Murari KumarEdited By:
    Updated: Thu, 13 Aug 2020 05:54 PM (IST)

    बालिका गृह कांड की जांच में उत्कृष्ट प्रर्दशन को लेकर गृहमंत्री पदक से सम्मान के लिए चयनित। कहा- यह खुशी का क्षण व सम्मान उनके पूरे विभाग का है।

    जिनकी जांच से बालिका गृह कांड के दोषियों को मिली सजा, वो CBI की विभा कुमारी गृहमंत्री पदक सम्मान के लिए चयनित

    मुजफ्फरपुर [अरुण कुमार झा]। गृहमंत्री पदक सम्मान के लिए चयनित सीबीआइ इंस्पेक्टर विभा कुमारी की जांच से ही बालिका गृह कांड में ब्रजेश ठाकुर व सहित 19 दोषियों को दिल्ली के साकेत  स्थित विशेष पॉक्सो कोर्ट ने सजा सुनाई थी। मात्र पांच माह में ही जांच पूरी कर इस कांड के आरोपितों के विरुद्ध मुजफ्फरपुर के विशेष पॉक्सो कोर्ट में उन्होंने चार्जशीट दाखिल की। आरोप पत्र में उनकी ओर से जुटाए गए साक्ष्य इतने मजबूत थे कि विशेष कोर्ट ने 19 आरोपितों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। 

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     जांच की जिम्मदारी से बस कुछ देर हुई असहज

    विभा कुमारी ने बताया कि वे उस समय सीबीआइ कार्यालय पटना में थी। विभाग की ओर से मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई। इतने बड़े चर्चित मामले की जांच अधिकारी बनाए जाने पर उन्हें कुछ देर के लिए असहजता महसूस हुई । लेकिन जिम्मेदारी का अहसास होते ही जल्द ही यह असहजता समाप्त हो गई। फिर सब कुछ  सहज हो गया। इस जांच की चुनौती को स्वीकार करते हुए जघन्य अपराध करने वालों को कोर्ट से सजा दिलाने का जुनून सवार हो गया। 

     यह ऐसा मामला था जिसकी जांच में पूरी सतर्कता व गोपनीयता बरतनी थी। सुप्रीम कोर्ट की मॉनेटरिंग के तहत व गाइड लाइन का पालन करते हुए इस जांच को जल्द से जल्द पूरी करनी थी। इस जांच के लिए विभाग की ओर से उन्हें बेहतर टीम दी गई। सबों ने काफी मेहनत की। इस टीम के सहयोग से ही इतनी जल्दी जांच पूरी हो सकी। वरीय अधिकारियों के मार्गदर्शन ने उनकी राह आसान कर दी। जांच के हर कदम पर मीडिया की सतत निगाहें रहती थी। इन सबके बीच पूरी गोपनीयता बरतते हुए जांच को पूरी करना एक बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था। हालांकि मीडिया की ओर से कभी कोई परेशानी नहीं हुई। 

    15 वर्षाें के कार्यकाल में सबसे मिला सबसे चर्चित मामला

    विभा कुमारी बताती है कि उन्होने वर्ष 2003 में सीबीआइ ज्चाइन किया । इस दौरान देश के कई राज्यों में काम करने का मौका मिला। कई बड़े मामले की जांच की जिम्मेदारी मिली। बालिका गृह मामला सबसे अलग था। यह उनके अब तक के कैरियर का सबसे बड़ा चर्चित मामला था। इसकी जांच की चुनौती व विभाग का उन पर भरोसा एक अलग तरह के दायित्व का अहसास दिलाती थी। यही दायित्व बोध ने उनके काम को आसान कर दिया। गृहमंत्री पदक सम्मान के लिए चयनित होने पर कहती है कि उनके लिए खुशी की बात है। जब से इसकी घोषणा हुई तब से वरीय अधिकारियों, सहयोगियों व शुभचिंतकों से बधाई संदेश मिल रहे हैं। हमारी जांच को विशेष कोर्ट ने सही करार दिया और दोषियों को सजा सुनाई साथ हीइस सम्मान के लिए चयनित होना सचमुच मेरे लिए यह बेहद खुशी का क्षण है। यह सम्मान हमारे पूरे विभाग के लिए है।