BRABU: अंग्रेजी और होम साइंस की काउंसिलिंग में कई सहायक प्राध्यापकों के अनुभव प्रमाण पत्र सवालों के घेरे में
BRA Bihar University मुजफ्फरपुर के बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में अंग्रेजी और होम साइंस के सहायक प्राध्यापकों के अनुभव प्रमाण पत्रों पर संदेह है। कई अभ्यर्थियों के दस्तावेज मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए जिसके चलते विश्वविद्यालय आयोग को रिपोर्ट भेजेगा। एक अभ्यर्थी ने कुलपति को ज्ञापन देकर दस्तावेजों की जांच की मांग की है। विश्वविद्यालय स्तर पर जांच के बाद आयोग को रिपोर्ट भेजी जाएगी।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। BRA Bihar University : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में अंग्रेजी और होम साइंस की काउंसिलिंग में कई सहायक प्राध्यापकों के अनुभव प्रमाण पत्र संदेह के घेरे में है। करीब आधा दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों के अनुभव प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेज राज्य सरकार की ओर से जारी चेकलिस्ट के अनुसार निर्धारित बिंदुओं के अनुरूप नहीं है।
आयोग को रिपोर्ट भेजी जाएगी
अभ्यर्थियों ने अनुभव प्रमाण पत्र के लिए निर्धारित बिंदुओं के आधार पर काउंसिलिंग में पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं करा सके हैं। दस्तावेज की जांच में ही कमेटी के सदस्यों को कई अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों पर संदेह हुआ है। इसकी जानकारी विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराई गई है। अब विश्वविद्यालय स्तर पर आयोग को रिपोर्ट भेजी जाएगी। ऐसे अभ्यर्थियों के पदस्थापन पर रोक लगाई जाएगी।
आयोग की अनुशंसा पर हुई थी काउंसिलिंग
बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की अनुशंसा पर होम साइंस और अंग्रेजी के लिए चयनित सहायक प्राध्यापकों के लिए पिछले सप्ताह विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी की गई थी। दूसरी ओर एक अभ्यर्थी ने कुलपति को ज्ञापन देकर अंग्रेजी के चयनित चार सहायक प्राध्यापकों और होम साइंस के दो सहायक प्राध्यापकों के दस्तावेजों पर सवाल उठाते हुए उनके अनुभव प्रमाण पत्र समेत अन्य की जांच करने की मांग की है।
विश्वविद्यालय स्तर से कमेटी गठित
अभ्यर्थी की ओर से कहा गया है कि पहले ही ऐसे आवेदकों के दस्तावेज की जांच के लिए निगरानी को दिया जा चुका है। साथ ही विश्वविद्यालय स्तर से गठित कमेटी के स्तर से कोई भी अवैध प्रमाण पत्र छुप नहीं सकता है। आवेदक संदिग्ध आवेदकों के नाम, यूआइडी, विषय तक विश्वविद्यालय को आवेदन के माध्यम से भेजा है।
संदिग्ध अनुभव प्रमाण पत्रों को जांच कराने की मांग
वहीं शिकायतकर्ता का दावा है कि इस सूची के अतिरिक्त कई ऐसे हैं, जिनके अनुभव प्रमाण पत्र संदेह के घेरे में हैं या अवैध हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय स्तर से ऐसे सभी अनुभव प्रमाण पत्रों की जांच कराते हुए इसकी रिपोर्ट आयोग को भेजने की मांग की गई है। साथ ही ऐसे अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।
जांच हो तो कई विषयों में सामने आ सकता है फर्जीवाड़ा
प्रदेश के विश्वविद्यालयों में बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की अनुशंसा पर कई विषयों में सहायक प्राध्यापकों का चयन हुआ है। इस प्रक्रिया में कई अभ्यर्थियों के अनुभव प्रमाण पत्र, कोटि और अन्य दस्तावेज में फर्जी पाए गए हैं। इसी आधार पर आयोग की ओर से दिसंबर में ही अभ्यर्थियों के अनुभव प्रमाण पत्र की जांच कराए जाने का निर्देश जारी किया गया था।
जांच की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी
अगर जांच हो तो कई विषयों में पदस्थापित शिक्षक भी इस लपेटे में आ सकते हैं। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पिछले दिनों कमिटी का गठन तो किया गया लेकिन जांच की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। विश्वविद्यालय का कहना है कि आयोग की ओर से भेजे जाने वाली अभ्यर्थी सूची का इंतजार किया जा रहा है।
अगर अनुभव प्रमाण पत्र संदेहास्पद हैं तो आयोग को इसकी रिपोर्ट दी जाएगी। साथ ही कुलपति के निर्देश पर ऐसे अभ्यर्थियों का पदस्थापन रोका जाएगा।
प्रो. बीएस राय, प्राक्टर, बीआरएबीयू
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