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    BRA Bihar University: करोड़ों की उपयोगिता प्रमाण पत्र दें, नहीं तो वीसी के वेतन से काटी जाएगी राशि

    By Ajit KumarEdited By:
    Updated: Mon, 08 Aug 2022 06:48 AM (IST)

    BRA Bihar University हाई कोर्ट ने दिया निर्देश कुलपति अपने स्तर से कालेजों पर करें कार्रवाई नहीं तो कसा जाएगा शिकंजा। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के विभिन्न कालेजों में 88 करोड़ रुपये की नहीं दी गई उपयोगिता।18 अगस्त तक कार्रवाई करने का दिया निर्देश।

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    BRA Bihar University: विश्वविद्यालय के अधिकारी बोले- होगी सख्त कार्रवाई। फाइल फोटो

    मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। BRA Bihar University: बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के विभिन्न कालेजों में यूजीसी की ओर से दी गई अनुदान राशि की उपयोगिता नहीं देने वाले कालेजों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हाई कोर्ट ने इसे लेकर कुलपति को निर्देश दिया है। कहा है कि अपने स्तर से इन कालेजों के खिलाफ कार्रवाई करें। ऐसा नहीं करने पर कुलपति को कोर्ट में आकर जवाब देना होगा। साथ ही उनके निजी वेतन से राशि की कटौती की जाएगी।सूबे के विश्वविद्यालयों ने 1048 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं दिया है। ऐसे में इनके खिलाफ कोर्ट ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

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    325 कालेजों ने उपयोगिता नहीं दी

    कहा है कि प्रदेश के लिए 325 कालेजों ने राशि खर्च करने की उपयोगिता नहीं दी है। वहीं उनकी ओर से राशि भी नहीं लौटाई गई है। ऐसे में यह वित्तीय अनियमितता प्रतीत हो रही है। हाई कोर्ट ने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, बीएनएमयू मधेपुरा, जेपी विश्वविद्यालय छपरा, केएसडीएस विश्वविद्यालय दरभंगा, एलएनएमयू दरभंगा, मगध विश्वविद्यालय बोधगया, पटना विश्वविद्यालय, टीएमयू भागलपुर और वीर कुंवर ङ्क्षसह विश्वविद्यालय आरा से संबद्ध सभी कालेजों को नोटिस भेजा गया है। इधर, कोर्ट की ओर से कार्रवाई का निर्देश मिलने के बाद कुलसचिव प्रो.आरके ठाकुर ने कहा कि कई कालेजों ने उपयोगिता पहले ही दे दी है। विभाग ने उसे रजिस्टर में अपडेट नहीं किया है। ऐसे में उन संस्थानों का नाम भी कार्रवाई की जद में आ रहा है।

    कुलपति बोले- कोर्ट के निर्देशानुसार होगी कार्रवाई

    कुलपति प्रो.हनुमान प्रसाद पांडेय ने कहा कि कोर्ट की ओर से कार्रवाई करने का निर्देश मिला है। वैसे संस्थान जिन्होंने राशि खर्च कर ली है और उसकी उपयोगिता नहीं दी है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं जिन संस्थानों ने राशि खर्च नहीं की और न विभाग को वापस किया। उनके खिलाफ भी शिकंजा कसेगा। इस संबंध में पहले ही संस्थानों को आगाह किया जा चुका है।