SKMCH में खून के काले कारोबार का पर्दाफाश, नामजद आरोपी सहित कई फरार; गिरफ्तार सौदागरों को मिली जमानत
मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में खून के काले कारोबार का पर्दाफाश होने के बाद भी नामजद आरोपित पुलिस की पकड़ से दूर हैं। एसकेएमसीएच ओपी से कुछ ही दूरी पर हो ...और पढ़ें

खून के काले कारोबार का पर्दाफाश
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। एसकेएमसीएच में लाल खून के आड़ में काले कारोबार के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश होने के बाद भी नामजद आरोपित पुलिस की पहुंच से दूर है। एसकेएमसीएच ओपी से महज चंद कदमों की दूरी से भी केस के नामजद आरोपित लड्डू सिंह समेत अन्य एक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी और जांच के दिशा में अनुसंधान आगे नहीं बढ़ने के कारण जेल भेजे गए आरोपितों को सजा मिलना मुश्किल है।
नौबत यह है कि जेल भेजे गए मो. इमरान, मुस्कान प्रवीण, रामबाबू सहनी समेत चार आरोपितों को कोर्ट से जमानत मिल गई है। इस केस के जांच अधिकारी एसकेएमसीएच ओपी प्रभारी राजकुमार गौतम है।
खून के साैदा करते बदमाश गिरफ्तार
बताया जा रहा है कि एसकेएमसीएच में वर्ष 2024 के 26 मई को एसकेएमसीएच के तत्कालीन ओपी प्रभारी डॉ. ललन पासवान ने खून के साैदा करते हुए चार सौदागरों को एसकेएमसीएच के ब्लड बैंक के पास दबोचा था।
मामले को लेकर अहियापुर थाने में एफआईआर दर्ज की हुई थी। जांच में यह बात सामने आई कि महिला को खून दिलाने को लेकर धंधेबाज एसकेएमसीएच के मेन गेट पर मोबाइल से बात करता है और दूसरे ब्लड बैंक के पास खड़ा पकड़ा रहकर डीलिंग करता है। इसके बाद दोनों की निशानदेही पर दो अन्य गिरफ्तार हुए थे।
500 से एक हजार रुपये तक का लालच
धंधेबाज का नेटवर्क अस्पताल के कुछ कर्मियों के साथ होना भी बताया गया था। जो अस्पताल कर्मचारी को 500 से एक हजार रुपये तक का लालच देकर यूनिट के हिसाब से मरीज के स्वजन से दस-पंद्रह हजार रुपये की डिमांड करते थे। निगेटिव ग्रुप के ब्लड के लिए बीस-तीस हजार रुपये तक वसूलते थे।
एसडीपीओ टू विनीता सिन्हा ने बताया कि केस का रिव्यू किया गया है। जांच अधिकारी को जांच के दिशा-निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी होगी। पूर्व जेल भेजे गए आरोपितों के खिलाफ पुलिस साक्ष्य इक्ठ्ठा करके सजा दिलाने का कार्य करेंगी।
पीआइसीयू वार्ड में खून के नाम पर उगाही करने वाले वार्ड ब्वाय की गिरफ्तारी नहीं
27 नवंबर को पीआईसीयू वार्ड में भर्ती अभिनंदन कुमार की मौत के बाद स्वजन ने वार्ड ब्वाय उर्मिला इंटरनेशनल आउटसोर्सिंग कंपनी अकाशदीप पर 11 हजार लेकर खून नहीं देने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था।
इसके बाद प्राचार्य सह अधीक्षक डॉ. आभा रानी सिन्हा के आवेदन पर अहियापुर थाना में उर्मिला इंटरनेशनल आउटसोर्सिंग कंपनी के वार्ड ब्याय अकाशदीप पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी। इस मामले में जांच अधिकारी एसकेएमसीएच ओपी के अपर थानाध्यक्ष शिखा रानी है। इसके बाद भी वार्ड ब्वाय अकाशदीप की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

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