Bihar election 2025 phase 1 voting: मुजफ्फरपुर में बंपर वोटिंग के राज से हटा पर्दा
Bihar Chunav phase 1 Voting news : मुजफ्फरपुर में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक अभियान चलाया। जीविका दीदियों, आंगनबाड़ी सेविकाओं और आशा कार्यकर्ताओं ने मतदाताओं को एकजुट किया। 21.60 लाख मतदाताओं ने मतदान की शपथ ली, जिससे मतदान प्रतिशत में वृद्धि हुई और जिले ने एक नया रिकॉर्ड बनाया। एसआइआर के बाद मतदाता सूची से नाम हटने से भी मतदान प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद थी।

Bihar vidhan sabha chunav 2025 News Updates: वोटिंग के लिए अपनी बार की प्रतीक्षा करते मतदाता। जागरण
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Bihar Vidhan Sabha Chunav Phase 1 Polls latest News : जिले में इस बार मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर जिला प्रशासन प्रतिबद्ध था। चुनाव की घोषणा होने से पूर्व से ही अभियान शुरू कर दिया गया था, लेकिन तिथि जारी होने के बाद इसमें तेजी लाई गई।
एक माह तक शायद ही कोई गांव ऐसा हो, जहां यह अभियान नहीं चला हो। जीविका दीदियों, आंगनबाड़ी सेविकाओं और आशा ने मतदाताओं को न सिर्फ एकजुट किया बल्कि उन्हें मतदान करने के लिए दिन रात प्रेरित किया।
मतदान की तिथि से ठीक दो दिन पूर्व जिले में एक साथ सभी जगहों पर व्यापक स्तर पर अभियान चलाया गया। इस दौरान 21.60 लाख मतदाताओं ने मतदान करने की शपथ ली।
इसका परिणाम भी निकलकर सामने आया और करीब ढ़ाई दशक का रिकार्ड टूट गया। जिला प्रशासन ने इस बार 75 प्रतिशत मतदान कराने का लक्ष्य रखा था।
लेकिन कुल मतदान करीब 71 प्रतिशत रहा। लक्ष्य पूरा करने से मात्र चार प्रतिशत से चूक गए, लेकिन राष्ट्रीय औसत मतदान 67.4 प्रतिशत को पार कर एक रिकार्ड जिले के इतिहास में शामिल हो गया।
जागरूकता अभियान में एक हजार से अधिक कर्मी और पदाधिकारियों की टीम दिन रात लगी थी। डीएम सुब्रत कुमार सेन लगातार इसकी मानिटरिंग कर रहे थे। मतदाता जागरूकता अभियान पर उन्होंने भी विशेष रूप से फोकस किया था। लक्ष्य से तो चूक गए लेकिन बेहतर परिणाम निकलकर सामने आया है।
एसआइआर के बाद मतदान प्रतिशत बढ़ने की थी उम्मीद
विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के बाद जिले के 2.82 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से कट गए थे। इसमें एक लाख से अधिक मृत लोगों के नाम थे, जिनका नाम मतदाता सूची में था। इस कारण मतदान प्रतिशत प्रभावित होता है।
इसके अलावा एक लाख मतदाता परमानेंटली यहां से शिफ्ट कर चुके थे, जो मतदान करने आते ही नहीं थे। ये आंकड़े भी मतदान प्रतिशत पर प्रभाव डाल रहे थे।
इन मतदाताओं के नाम कटने के बाद और मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होने के बाद से ही जिला प्रशासन आश्वस्त था कि इस बार मतदान प्रतिशत में अप्रत्याशित वृद्धि होगी और अंतत : परिणाम भी कुछ इसी प्रकार का सामने आया। जिसने एसआइआर और मतदाता जागरूकता अभियान की सफलता पर मुहर लगा दी।

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