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    Bihar News: चीनी घोटाला में 35 साल बाद दोषी करार, 18 दिसंबर को सजा पर होगी सुनवाई

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 01:44 PM (IST)

    बिहार के बेतिया में 35 साल पुराने चीनी घोटाले में कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार दिया है। 18 दिसंबर को सजा सुनाई जाएगी। यह मामला आपराधिक साजिश और सरका ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। करीब 35 वर्ष पूर्व बेतिया जिले के बिहार स्टेट सुगर कॉरपोरेशन लिमिटेड लौरिया से 997 बोरा चीनी घोटाला मामले में छह आरोपितों को दोषी करार दिया है। इसमें लखीसराय के करजानंद नगर निवासी चीनी मिल के तत्कालीन प्रबंध निदेशक के विशेष सहायक, संम्प्रति उप प्रबंधक उमेश प्रसाद सिंह, पूर्वी चंपारण के गोविंदगंज थाना के बहादुरपुर निवासी सुशील कुमार श्रीवास्तव, बेतिया के जोगापट्टी सिरकिया के सुगरकेन लिपिक लालबाबू प्रसाद, मधुबनी के अंधराठारी के चीनी बिक्री प्रभारी धीरेंद्र झा, गोपालगंज के सिधवलिया थाना के हसनपुर मठिया के लेखा पदाधिकारी अजय कुमार श्रीवास्तव व भोजपुर के बरनाव निवासी चीनी मिल के प्रशासन प्रमुख नंद कुमार सिंह शामिल है।

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    सत्र-विचारण के बाद विशेष कोर्ट निगरानी (उत्तर बिहार) के न्यायाधीश दशरथ मिश्र ने सभी को दोषी करार दिया। सजा के बिंदु पर 18 दिसंबर को सुनवाई होगी।

    दोषी ठहराए जाने के बाद सभी दोषियों को तत्काल न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। 28 फरवरी 2000 को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीएसपी ने प्राथमिकी की थी। इसमें कहा था कि लौरिया बेतिया चीनी मिल के महाप्रबंधक एचबीएन सिंह एवं अन्य लोकसेवकों ने साजिश के तहत 21 से 28 सितंबर 1990 के बीच 997 बोरा चीनी का घोटाला किया। जांच में पाया गया कि फर्जी क्रेता का नाम दर्शा उक्त चीनी का गबन किया गया। बाद में राशि का संबंधित चीनी का विपत्र बना समायोजन किया।

    पता चला कि इन आठ दिनों में उक्त चीनी मुजफ्फरपुर के गोला रोड स्थित मेसर्स गोपाल ट्रेड कंपनी 797 बोरा व मेसर्स लोकनाथ छोटी रमना बेतिया को 200 बोरा चीनी की बिक्री 8.88 लाख रुपये में बेचा गया है। जांच में यह भी पता चला कि गोला रोड स्थित मेसर्स गोपाल ट्रेड कंपनी नाम का कोई फर्म नहीं है।

    सिर्फ कागज में ही दिखाया गया था, ताकि फर्म के नाम पर चीनी का घोटाला किया जा सकें। उस समय के तत्कालीन डीएसओ ने भी भौतिक सत्यापन कर फर्म के नहीं होने की पुष्टि की थी। इसके साथ ही कहा था कि उक्त नाम से कोई अनुज्ञप्ति नहीं है।