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    बिहार में राशन कार्ड फर्जीवाड़ा: चार पहिया, ढाई एकड़ जमीन और आयकरदाता भी उठा रहे सरकारी अनाज

    By Prem Shankar Mishra Edited By: Ajit kumar
    Updated: Sat, 20 Dec 2025 01:28 PM (IST)

    Bihar Ration Card Fraud: बिहार में बड़े पैमाने पर राशन कार्ड में अनियमितता पकड़ी गई है। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि कई कार मालिक, ज़मीन मालिक और ...और पढ़ें

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    Muzaffarpur Ration Card Scam: इन नामों को राशन कार्ड से हटाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। फाइल फोटो

    प्रेम शंकर मिश्रा, मुजफ्फरपुर। Public Distribution System Bihar: जिले में राशन कार्ड व्यवस्था में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। जांच के दौरान सामने आया है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी सरकारी राशन का लाभ उठा रहे हैं, जो निर्धारित मानकों के अनुसार इसके पात्र नहीं हैं। 

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    चार पहिया वाहन रखने वाले, ढाई एकड़ से अधिक जमीन के मालिक और नियमित आयकर रिटर्न भरने वाले लोगों के नाम भी राशन कार्ड सूची में दर्ज पाए गए हैं। इतना ही नहीं, कई मामलों में एक ही आधार नंबर का इस्तेमाल एक से अधिक स्थानों पर किए जाने की बात भी सामने आई है। 

    नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू 

    विभागीय रिपोर्ट के अनुसार जिले में कुल तीन लाख 80 हजार से अधिक ऐसे लाभुक चिह्नित किए गए हैं, जिनकी पात्रता संदिग्ध मानी जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर अब इन नामों को राशन कार्ड से हटाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। 

    Ration card update

    जांच के दौरान जिन आधार नंबरों के माध्यम से चार पहिया वाहन, बड़ी जोत की जमीन या आयकर भुगतान जैसी जानकारी मिली है, उनके धारकों को नोटिस जारी किया जा रहा है। उनसे अपना पक्ष रखने और दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा जाएगा। 

    पूर्वी और पश्चिमी अनुमंडल में हजारों संदिग्ध लाभुक

    विभागीय आंकड़ों के मुताबिक पूर्वी अनुमंडल क्षेत्र में दो लाख पांच हजार से अधिक संदिग्ध लाभुक पाए गए हैं, जबकि पश्चिमी अनुमंडल में यह संख्या करीब एक लाख 75 हजार बताई गई है। अब तक एक लाख चार हजार से ज्यादा मामलों की जांच पूरी की जा चुकी है, जबकि करीब ढाई लाख लाभुकों की जांच अभी शेष है।

    अभी जारी है जांच 

    कुढ़नी प्रखंड में सबसे अधिक गड़बड़ी सामने आई है, जहां करीब 38 हजार लाभुकों को संदिग्ध माना गया है। इनमें से 26 हजार से अधिक मामलों की जांच पूरी हो चुकी है, जबकि शेष की जांच जारी है। पारू प्रखंड में भी 31 हजार से अधिक लाभुकों के नाम सूची में पाए गए हैं, जिनमें बड़ी संख्या की जांच अब तक बाकी है।

    अपात्र पाए जाने पर होगी कार्रवाई

    जांच में जिन लाभुकों के खिलाफ नियमों का उल्लंघन सामने आएगा, उन्हें नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उनके नाम राशन कार्ड सूची से हटाए जाएंगे और आगे की कार्रवाई की जाएगी।

    हर महीने करोड़ों के राशन का नुकसान

    यदि जिले में चिन्हित किए गए संदिग्ध लाभुकों के आंकड़े पर नजर डालें तो सरकारी खजाने को हर महीने भारी नुकसान होने का अनुमान है। अब तक जिन मामलों की जांच हुई है, उनमें बड़ी संख्या में अपात्र होने की आशंका जताई जा रही है।

    बढ़ सकता है आंकड़ा 

    आकलन के अनुसार यदि केवल एक लाख लाभुक भी अपात्र माने जाएं, तो हर महीने करीब 20 लाख किलो खाद्यान्न का गलत वितरण हो रहा है। औसतन 25 रुपये प्रति किलो की दर से देखें तो यह राशि हर महीने लगभग पांच करोड़ रुपये तक पहुंचती है। जांच अभी जारी है, ऐसे में यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।