BIHAR POLITICS: उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी को कहा ' बेरोजगार', शराबबंदी, कृषि कानून व एनआरसी को लेकर कही बड़ी बात
कहा बिहार विधानसभा उपचुनाव का परिणाम आने के बाद तेजस्वी के काम कोई काम नहीं है। वे मुद्दाविहीन हो गए हैं। मीडिया में बने रहने के लिए बिना सिर-पैर की बातें करते हैं। जदयू में प्रकोष्ठों को भंग करने को बताया सामान्य काम।

मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। रालोसपा का जदयू में विलय कराने के बाद से उपेंद्र कुशवाहा की सक्रियता नोटिस करने लायक है। अपनी बिहार यात्रा पूरी करने के बाद वे अब मिथिलांचल की नब्ज टटोलने निकल पड़े हैं। उम्मीद की जा रही है इसी दौरान वे सीएम नीतीश कुमार की सरकार के एक वर्ष पर होने वाले कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। मिथिलांचल के लिए जाते हुए वे कुछ देर के लिए मुजफ्फरपुर में रुके और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस दौरान संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने राजद नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधा। उन्हें बेरोजगार करार देते हुए उनकी हालिया टिप्पणी को कोरी बकवास बताया। कहा, उपचुनाव के दौरान जनता ने अपना आदेश दे दिया है। अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के पास कोई काम नहीं है। कोई मुददा नहीं है। मीडिया में बने रहने के लिए बिना मतलब की बातें बोलते रहते हैं। शराबबंदी को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर लगाए गए उनके आरोपों को उन्होंने खारिज कर दिया।
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कुछ लोगों के मंसूबों पर पानी फिर गया
उपचुनाव में जदयू की जीत को विकास व सुशासन वाली सरकार की जीत करार दिया। कहा, इसमें कुछ लोगों के मंसूबों पर पानी फिर गया है। वे इससे बौखला गए हैं। जदयू प्रदेश अध्यक्ष की ओर से सभी प्रकोष्ठों को भंग करने तथा विधानसभा व लोकसभा प्रभारियों को हटाए जाने की घोषणा के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। सभी पार्टी ऐसा करती है। संगठन को और मजबूत करने के लिए ऐसा किया गया है। कमेटियां खास मकसद से बनाई जाती हैं और उसके पूरा हाेने या नहीं होने पर भंग कर दी जाती हैं। इसके बाद नए सिरे से इसका गठन किया जाता है। इसका कोई भी दूसरा मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।
कमेटी भंग किया जाना रुटीन वर्क
पिछले दिनों उपचुनाव में बिहार की जनता ने बता दिया कि वह विकास व सुशासन के साथ है। मिथलांचल की यात्रा पर निकले कुशवाहा का चांदनी चौक पर पार्टी नेताओं ने स्वागत किया। एक सवाल के जवाब में कहा कि जदयू में प्रकोष्ठ को भंग करना कोई नई बात नहीं है। संगठन को मजबूत करने के लिए इस तरह की बात होती रहती है। सभी कमेटी भंग किया जाना रूटीन वर्क है। अपने हिसाब से पार्टी कमेटी बनाती है और भंग भी करती है।
कृषि कानून अब कोई मुद्दा नहीं
उपेन्द्र कुशवाहा ने शराबबंदी, कृषि कानून व सीएए-एनआरसी पर भी अपनी बातों को रखा। कहा, शराबबंदी के बावजूद यदि कोई इसका सेवन करता है तो उसको परेशानी तो होगी। उसी तरह से कृषि कानून के बारे में कहा कि इसके वापस होने के बाद अब यह कोई मुद्दा नहीं है। विपक्ष की ओर से एनआरसी और सीएए को नया मुद्दा बनाए जाने के बारे में कहा कि यहां लोकतंत्र है। हर किसी को अपनी बात रखने का संवैधानिक अधिकार है। इसलिए कौन क्या मांग कर रहा? उससे उनको मतलब नहीं है। जदयू जिलाध्यक्ष मनोज कुशवाहा, वरीय नेता विनोद कुशवाहा, सौरभ कुमार साहेब, शैलेश कुमार शैलू, रमाशंकर सिंह, मनोज सिंह, राजू कुशवाहा, शिशिर कुमार नीरज,रामेश्वर सहनी, फौजी विमल कुमार, रामेश्वर सिंह कुशवाहा,वीरेन्द्र सिंह कुशवाहा, बसंत कुमार चौधरी आदि स्वागत करने वालों में शामिल रहे।
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