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    नीतीश के नए मंत्रिमंडल में किस-किस को मिलेगी जगह? मुजफ्फरपुर के नवनिर्वाचित विधायक संभावना तलाशने में जुटे

    By AMRENDRA TIWARIEdited By: Ajit kumar
    Updated: Mon, 17 Nov 2025 08:34 PM (IST)

    Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 संपन्न होने के बाद अब सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बीच जिले के नवनिर्वाचित विधायक मंत्रिमंडल में अपनी जगह पक्की करने की कवायद में जुट गए हैं। वे राजधानी पटना में डेरा डाले हुए हैं। प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री से मुलाकात कर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। इसके साथ ही साथ अपने संपर्क को भी टटोल रहे हैं।

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    Bihar Politics: मंत्रिमंडल गठन के फार्मूले के अनुसार अपने लिए संभावना तलाश रहे। फाइल फोटो


    अमरेंद्र तिवारी, मुजफ्फरपुर। Bihar Politics: मतगणना की प्रकिया पूर्ण होने के साथ ही राज्य की राजनीति के केंद्र में पटना बना हुआ है। यहां एक ओर सरकार गठन की प्रक्रिया चल रही है तो दूसरी ओर मंत्रिमंडल में किस-किस को जगह मिलेगी, इसके गुणा-गणित पर मंथन चल रहा है।

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    ऐसे में जिले के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए के नवनिर्वाचित विधायक पटना में सक्रिय हैं। वे अपने लिए संभावना तलाश रहे हैं। प्रदेश कार्यालय पहुंचकर पार्टी अध्यक्ष से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक से मुलाकात कर आशीर्वाद ले रहे हैं।

    पुराने मंत्रियों को मिल सकती जगह

    इसी बहाने अपनी दावेदारी भी पेश कर रहे हैं। इनमें कई ऐसे हैं जिनके नाम मंत्री पद की रेस में शामिल बताए जा रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में मंत्रिमंडल गठन को लेकर एक थ्योरी चल रही है कि पुराने मंत्रियों को दोबारा मौका दिया जा सकता है। ऐसे में जिले के पूर्व मंत्रियों राजू कुमार सिंह राजू और केदार गुप्ता के फिर से मंत्री बनने की संभावना प्रबल हो सकती है।

    सामाजिक समीकरण पर भी विचार

    एक दूसरी थ्योरी सामाजिक समीकरण से संबद्ध है। एनडीए हमेशा इसका ख्याल रखता भी है। यदि इसके अनुसार कार्य किए गए तो कुछ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।

    सवर्ण कोटा से पूर्व मंत्री राजू कुमार सिंह, पूर्व मंत्री ई. अजीत कुमार और पहली बार जीते रंजन कुमार के नाम चर्चा चल रही है। पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्ग कोटा से पूर्व मंत्री केदार गुप्ता, अजय कुमार और रमा निषाद अपने-अपने समीकण के हिसाब से दौड़ में शामिल हैं। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि चुनाव जीतने के बाद सरकार में नई जिम्मेदारी किसे मिलती है।

    छह पर एक का फार्मूला

    सूत्रों के अनुसार छह विधायकों पर एक मंत्री पद दिए जाने के फार्मूले पर भी विचार किया जा रहा है। इस हिसाब से जिले को दो मंत्री पद मिल सकता है। ऐसे में सभी विजेता उम्मीदवार अपने-अपने राजनीतिक समीकरणों और समर्थन आधार को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं।

    सभी घटकों को अवसर की तलाश

    एनडीए के चार घटक भाजपा, जदयू, लोजपा (आर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने जिले की सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारे थे। भाजपा से पूर्व मंत्री राजू कुमार सिंह राजू, पूर्व मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता, पूर्व विधायक अरुण कुमार सिंह के साथ पहली बार रंजन कुमार और रमा निषाद विजयी हुए हैं।जदयू कोटा से पूर्व मंत्री ई.अजीत कुमार के साथ पहली बार अजय कुमार, कोमल सिंह और आदित्य कुमार ने जीत दर्ज की है। वहीं लोजपा (आर) से बेबी कुमारी विजेता रही हैं।

    अंतिम निर्णय का इंतजार

    राष्ट्रीय लोक मोर्चा के मदन चौधरी पारू सीट से चुनाव हार गए। इस तरह एनडीए को जिले की कुल 10 सीटों पर सफलता मिली है। फिलहाल राजनीतिक महकमे में कैबिनेट गठन को लेकर उत्सुकता है और अंतिम निर्णय का इंतजार किया जा रहा है।

    अपेक्षाओं का बोझ

    यह तो तय है कि जो भी मंत्री पद पाने में सफल होंगे उन्हें आने वाले समय में बहुत मेहनत करने की जरूरत होगी। जिस अनुपात में जनता ने एनडीए को अपना मत दिया है उसी अनुपात में उनकी अपेक्षाएं भी हैं। इसको पूरा करने का अतिरिक्त दबाव होगा।