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    BIHAR POLITICS: बोचहां विधानसभा उपचुनाव में मुकेश सहनी की सीट पर भाजपाइयों की दावेदारी, सुगबुगाहट तेज

    By Ajit KumarEdited By:
    Updated: Tue, 07 Dec 2021 09:05 AM (IST)

    BIHAR POLITICS बोचहां के वीआइपी विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के बाद यहां उपचुनाव होना है। वीआइपी की दावेदारी स्वाभाविक है किंतु मुकेश सहनी की यूपी मे ...और पढ़ें

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    मंत्री मुकेश सहनी अपने दम पर यूपी चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं। फाइल फोटो

    मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। यूं तो पूरे देश के लोग राजनीतिक रूप से सजग हैं, किंतु बिहार में यह कुछ अधिक ही है। यहां एक या दो सीट के लिए उपचुनाव भी हो तो पूरे प्रदेश का राजनीतिक तापमान चढ़ जाता है। असली चुनाव, मतलब पूरे प्रदेश मे होने वाले चुनाव जैसी फीलिंग आती है। कुछ ही दिन पहले संपन्न कुशेश्वरस्थान व तारापुर उपचुनाव के दौरान ऐसा ही देखने को मिला था। अभी खाली हुई मुजफ्फरपुर की बोचहां विधानसभा सीट के लिए भी ऐसा ही घमासान देखने को मिल सकता है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विधायक मुसाफिर पासवान का श्राद्धकर्म भी संपन्न नहीं हुआ है और टिकट के लिए दावेदारी का आरंभिक दौर शुरू हो गया है। यह सीट एनडीए की है और यहां से वीआइपी के विधायक थे। उस हिसाब से स्वाभाविक दावेदारी वीआइपी की है, लेकिन हाल में सीएम नीतीश कुमार के मंत्री व वीआइपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर अपनी सक्रियता आक्रामक रूप से बढ़ाई है। जहां वे भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार को चुनौती देते हुए दिख रहे हैं। अंदरखाने की इस तल्खी के बाद भाजपा के कुछ दावेदारों को उम्मीद की किरण नजर आने लगी है। हालांकि आधिकारिक रूप से अभी इस पर चर्चा शुरू नहीं की गई है। इसको लेकर मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद भी मुखर हैं।

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    भारतीय जनता पार्टी का मजबूत जनाधार

    सांसद निषाद ने कहा है कि हाल में संपन्न कुशेश्वरस्थान विधानसभा उपचुनाव के दौरान मुकेश सहनी का अपने क्षेत्र में भी बेहतर प्रदर्शन नहीं हो पाया था। जिस पंचायत में उनका घर है, वहां से राजद के प्रत्याशी का बेहतर प्रदर्शन देखने को मिला था। सांसद व भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष का मानना है कि आगामी बोचहां विधानसभा उपचुनाव को लेकर शीर्ष नेतृत्व को विचार करना चाहिए। यहां पहले से ही भारतीय जनता पार्टी का मजबूत जनाधार है। इस दृष्टि से भी पार्टी विचार करे। उन्होंने कहा कि मेरे पास लगातार दावेदार पहुंच रहे हैं। इसकाे देखते हुए मैं भी अपने स्तर से पहल करूंगा।

    राजद खेमे में भी बेचैनी

    वैसे यह केवल भाजपा या एनडीए की बात नहीं है। राजद खेमे में भी इसी तरह की बेचैनी है। खासकर पिछले उपचुनाव के दौरान जिस तरह से राजद और कांग्रेस के तेवर तल्ख हो गए थे उससे अंदाजा तो यही लगाया जा रहा है कि कांग्रेस भी मैदान में आ सकती है। जो जानकारी सामने आ रही है उसके हिसाब से पिछले चुनाव के साथ ही साथ इस बार कुछ नए चेहरे भी टिकट के‌ लिए प्रयास शुरू कर चुके हैं। इस हालत में यह देखने वाली बात होगी कि उपचुनाव में इस सीट पर एनडीए गठबंधन का क्या रूप होता है। आज श्राद्ध कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आने वाले हैं।‌