जिसने भी हमारा साथ छोड़ा उसका डूबना तय, बिहार के वरीय भाजपा नेता की कहां पर थी निगाहें और किस पर था निशाना
JDU-RJD Alliance राज्यसभा व बिहार विधान परिषद चुनाव तथा बिहार में जारी वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर वरीय भाजपा नेता ने बड़े ही साफ शब्दों में सबकुछ कहा है। उन्होंने राज्य सरकार के भविष्य के बारे में भी खुलकर अपनी बातें रखीं।

मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। बिहार में बीजेपी-जेडीयू के बीच के संबंध, राज्यसभा-बिहार विधानपरिषद चुनाव और जातीय जनगणना को लेकर लगतार सवाल उठाए जा रहे हैं। कुछ जगहों पर तो यहां तक चर्चा चल रही है कि जातीय जनगणना के मुद्दे को लेकर सीएम नीतीश कुमार पाला बदलने वाले हैं। वे भाजपा का साथ छोड़ने वाले हैं। राजद के साथ फिर से अपनी सरकार बना सकते हैं। इन तमाम दावों व प्रतिदावों के बीच भाजपा की ओर से कोई स्पष्ट बात देखने-सुनने को नहीं मिल रही थी, लेकिन बिहार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और मुजफ्फरपुर सांसद अजय निषाद ने खुलकर अपनी बातें रखीं। उन्होंने पार्टी के स्टैंड को साफ किया तथा भाजपा का साथ छोड़ने वाले का भविष्य क्या होने वाला है, यह भी बता दी।
भाजपा जातीय जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार के साथ
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि वर्तमान में कुछ लोग एनडीए की सरकार की जगह महागठबंधन की सरकार बनने का भ्रम पाले हुए हैं, यह कभी पूरा नहीं होने वाला है। कहा, वर्तमान सरकार बिहार में अपना कार्यकाल पूरा करेगी। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भी एनडीए की जीत होगी। भाजपा व जदयू गठबंधन टूटने की बात को उन्होंने पूरी तरह से गलत करार दिया। जातीय जनगणना को लेकर भाजपा के संदर्भ में किए जा रहे दुष्प्रचार के बारे में उन्होंने कहा कि हमलोगों की ओर से कोई भी अड़चन नहीं है। केंद्र सरकार ने इसे कराने में इंकार किया है, लेकिन किसी भी राज्य सरकार को करने से रोका भी नहीं है। बिहार की वर्तमान सरकार इसे कराना चाह रही है और हमलोग भी इसमें साथ हैं।
कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना
मुजफ्फरपुर सांसद ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी व सीएम नीतीश कुमार एकसाथ ही चुनाव मैदान में उतरेंगे और जीत हासिल करेंगे। इसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भी जीत हासिल करने का लक्ष्य है। वीआइपी सुप्रीमो मुकेश सहनी की ओर से लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को हराने के बारे में किए जा रहे दावों को लेकर उन्होंने कहा, बीजेपी का साथ जो छोड़ता है, वह डूब जाता है। यूं तो उन्होंने यह बात मुकेश सहनी के संदर्भ में कही, लेकिन राजनीतिक के जानकार इसे कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना मान रहे हैं। वे इसे भाजपा व जदयू के संबंध में आई तल्खी से भी जोड़ रहे हैं। एमएलसी के लिए मुकेश सहनी के रिचार्ज पर उन्होंने कहा कि भाजपा से तो उनका अब कोई संबंध नहीं है। आगे उनका क्या होगा, वे खुद बेहतर समझते हैं।
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