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    अजब-गजब: तो बिहार में अब भूत को अरेस्ट करेगी पुलिस!

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Wed, 19 Jul 2017 11:37 PM (IST)

    बिहार के आंगनबाड़ी सेविका के चयन में गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने में विभाग को 10 साल लग गये हैं। पुलिस अब उस सीडीपीओ पर एफआरआर करने वाली है, जिनकी मौत हो चुकी है।

    अजब-गजब: तो बिहार में अब भूत को अरेस्ट करेगी पुलिस!

    मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। बिहार में पुलिस अब मुर्दों के भी पीछे पड़ गई है। वे नहीं मिले तो उनकी आत्‍मा को पकड़ने की भी कोशिश में पीछे नहीं हटती। ऐसा हम नहीं, पुलिस की फाइल कह रही है। मामला वर्ष 2007 में गायघाट में हुई सेविका, सहायिका की बहाली का है। उसमें हुई अनियमितता की जांच में विभाग ने 10 साल लग गया है। 

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    आंगनबाड़ी सेविका के चयन में गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई में विभाग को पूरे 10 साल लग गए। अब विभाग की नींद खुली है, जब दोषी सीडीपीओ की मौत चुकी है तो पर्यवेक्षिका रिटायर्ड हो गई हैं।

     

    मामला गायघाट प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायतराज बरूआरी के आंगनबाड़ी केंद्र-172 में सेविका चयन का है। अब सीडीपीओ, पर्यवेक्षिका, अंचल अधिकारी, कर्मी व बहाली से जुड़े सभी अधिकारियों पर एफआइआर होनी है। 

     

    क्या है मामला 

    ग्राम पंचायत राज बरूआरी की आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 172 पर सेविका के पद पर आरती देवी का चयन गलत आय प्रमाणपत्र के आधार पर हुआ था। मामले को लेकर ठाकुर धर्मेन्द्र कुमार ने लोकायुक्त से शिकायत की थी। गलत बहाली का आरोप तत्कालीन पर्यवेक्षिका, सीडीपीओ व बहाली से जुड़े अन्य पर लगा था।

     

    गलत प्रमाणपत्र पर निर्गत करने के लिए दोषी तत्कालीन अंचलाधिकारी व संबंधित कर्मी के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीएम ने कहा। वहीं, दोनों के खिलाफ प्रपत्र-क गठित कर एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है। इसके साथ ही अन्य पर प्राथमिकी का आदेश दिया गया। 

     

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    'मोतिहारी डीएम की जांच रिपोर्ट में पर्यवेक्षिका व सीडीपीओ दोनों दोषी पाई गई हैं। पर्यवेक्षिका समेत बहाली में दोषी सभी अधिकारियों व कर्मियों पर प्राथमिकी का आदेश हुआ है। इसमें कई पर प्राथमिकी हो चुकी है तो कई पर जल्द ही होगी।'

    मो. कबीर, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, आइसीडीएस 

     

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