Bihar News: निर्माण में एक और गड़बड़ी उजागर, उद्घाटन से पूर्व ही दरकने लगी आथर पुल की रेलिंग
मुजफ्फरपुर के मुशहरी प्रखंड में बूढ़ी गंडक नदी पर बना आथर घाट पुल उद्घाटन से पहले ही दरकने लगा है। पुल की किनारी स्लैब और रेलिंग में दरारें आ गई हैं जिससे निर्माण गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों ने घटिया सामग्री के उपयोग का आरोप लगाया है जबकि अधिकारियों ने जांच और मरम्मत का आश्वासन दिया है। पुल का निर्माण लगभग 29 करोड़ की लागत से हुआ था।

संवाद सहयोगी, मुशहरी (मुजफ्फरपुर)। प्रखंड अंतर्गत बूढ़ी गंडक नदी पर विशुनपुर जगदीश में बोचहा और मुशहरी प्रखंड को जोड़ने वाला बहुप्रतीक्षित आथर घाट पुल उद्घाटन से पहले ही दरकने लगा है। पुल की पाली (किनारी), स्लैब और रैलिंग में दरारें आ गई है। जिससे आम लोगों में आक्रोश है और निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
विदित हो कि इसका निर्माण बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा करवाया गया है। इस पुल का निर्माण कार्य के लिए विभाग द्वारा मेसर्स गणेशराम डोकनिया को संवेदक नियुक्त किया था। पुल का शिलान्यास वर्ष 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया था। निर्माण कार्य वर्षों तक धीमी गति से चलता रहा, और अब जब यह लगभग पूरा हो चुका है, तो उद्घाटन से पहले ही इसकी तकनीकी खामियां उजागर हो रही हैं।
सीमेंट उखड़ रहा, सरिया बाहर दिखने लगे
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पुल के किनारों पर जगह-जगह सीमेंट की परतें उखड़ रही हैं। रेलिंग से लोहे का सरिया बाहर निकल गया है। हल्के वाहनों के गुजरने पर भी वाइब्रेशन और दरारें बढ़ जाती हैं। जो भविष्य में किसी बड़े हादसे की चेतावनी है। इससे ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की नाराजगी है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि जनता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इसमें सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है। वे निर्माण कार्य की उच्चस्तरीय जांच और संबंधित अधिकारियों व ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
इस पुल निर्माण के लिए सामाजिक कार्यकर्ता देवव्रत कुमार साहनी कई बार अनशन किए थे। इस मामले में रामपुकार सहनी ने बताया कि कार्य एजेंसी द्वारा मनमाने ढंग से घटिया निर्माण किया गया है। जिस कारण उद्घाटन से पहले ही पुल में दरार आने लगी है।
करीब 29 करोड़ रुपये से हुआ था निर्माण
विदित हो कि आथर घाट पुल का निर्माण करीब 29 करोड़ रुपये से किया गया था। इस पुल की लंबाई 297 मीटर है और इसके साथ 2.25 किलोमीटर का एप्रोच रोड भी बनाया गया है। वर्षों तक भूमि विवाद और मुआवजा भुगतान में उत्पन्न समस्या के कारण काम बाधित रहा। पुल से आवागमन तो शुरू हुआ है, लेकिन इसका उद्घाटन नहीं हुआ है।
ब्रिज मेंटनेंस पालिसी का काम शुरू हो चुका है। इसके तहत इस पुल की जांच कराकर मरम्मत का काम किया जाएगा।
ई. रूबी रानी, वरीय परियोजना अभियंता
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