जर्जर सड़क बना रही कमर दर्द, सर्वाइकल पेन व स्लिप डिस्क की मरीज...डाक्टर की सलाह- कमर पर बेल्ट बांधकर गाड़ी चलाएं
मुजफ्फरपुर के अखाड़ाघाट रोड पर आईसीआईसीआई बैंक के पास मुख्य सड़क जर्जर हो गई है जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। गड्ढों से भरी सड़क के कारण कमर और गर्दन दर्द के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि गड्ढों के झटकों से बचें और धीमी गति से वाहन चलाएं।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। अखाड़ाघाट रोड के आइसीआइसीआइ बैंक के पास की मुख्य सड़क जर्जर हो गई है। यह गड्ढों में तब्दील हो गई है। जर्जर सड़क और उस पर बने गड्ढे से आवाजाही करने वाले लोगों को दर्द ही मिल रहा है। यह पीड़ा एक वर्ष से अधिक समय से बनी है।
इससे सबसे ज्यादा प्रभावित दोपहिया सवार होते हैं। 25 से 40 आयु वर्ग के लोग भी बीमार हो रहे हैं। गड्ढों से मिल रहे इन झटकों से कमर व गर्दन दर्द के मरीज 25 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। लोगों में सर्वाइकल पेन, स्लिप डिस्क व फ्रैक्चर जैसी समस्याएं आ रही हैं। एसकेएमसीएच और आसपास के फिजियोथैरेपी के पास रोज ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं।
अखाड़ाघाट पुल पर जर्जर सड़क से गुजरते राहगीर। जागरण
बताया जा रहा है कि राहुल गांधी और तेजस्वी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान जिला प्रशासन के आदेश पर सड़क निर्माण विभाग ने पैच वर्क का कार्य आननफानन में कराया था। इसके अगले दिन से ही सड़क की स्थिति जस की तस बन गई।
विभाग की मानें तो पैच वर्क किया गया था। सड़क पर जलजमाव से यह सेट नहीं हो सका। बारिश थमते ही फिर से सड़क के पैचवर्क का काम शुरू किया जाएगा।
कम उम्र में ही बन गए मरीज
व्यवसायी अंकित आनंद (32) बताते हैं कि वह रोज अहियापुर चौक से जियालाल राय चौक के रास्ते अखाड़ाघाट जाने वाली सड़क जर्जर व जलजमाव से घिरे रहने के कारण जीरोमाइल के रास्ते मिठनपुरा काम करने बाइक से आते-जाते हैं। एक माह से कमर में दर्द है।
चिकित्सक ने गाड़ी पर लगने वाले झटकों को वजह बताई है। अब बेल्ट पहनकर काम पर जाना पड़ता है। निजी बैंक में कार्यरत सौम्या (30) कहती हैं, पहले गर्दन में दर्द नहीं था। अब रोज घर लौटते समय दर्द व खिंचाव महसूस होता है।
चिकित्सक ने कहा, गड्ढों से लगने वाले झटकों के कारण ये समस्या आई है। 28 वर्षीय डिलीवरी ब्वाय मोहम्मद मुन्ना कहते हैं, दिनभर बाइक पर रहते हैं। कमर के ऊपर व पीठ के नीचे अब इतना दर्द रहता है कि बिना पेन किलर टैबलेट या वाइंटमेंट के काम नहीं हो पाता। चिकित्सक ने सलाह दी कि कमर पर बेल्ट बांधकर गाड़ी चलाएं।
गड्ढों के झटकों से बचें, कमर पर बेल्ट लगाएं
अर्थोपेडिक्स डा. उमेश राज ने बताया कि गड्ढों से गुजरने का पूरा दबाव रीढ़ पर आता है। इससे कमर दर्द व एक्सीडेंट के केस 25 से 35 प्रतिशत तक बढ़े हैं। सबसे ज्यादा 30 से 50 आयु वर्ग के पुरुष चपेट में हैं।
विगत छह माह में 45 सौ से अधिक मरीज कुछ न कुछ दर्द की शिकायत लेकर पहुंचे हैं। इनमें 65 प्रतिशत मरीजों में कमर, घुटने, कंधे व गर्दन में दर्द की समस्या है। कमर दर्द के 25 प्रतिशत मामलों में गड्ढों के झटके मुख्य कारण हैं। बचाव की एक ही तरीका है कि दोपहिया धीमी गति से चलाएं। रोज स्ट्रेचिंग करें। गड्ढों के झटकों से बचें और कमर पर बेल्ट लगाएं।
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