दो, तीन व पांच वर्ष की बेटियों को Muzaffarpur railway station पर छोड़ भाग गया पिता, कागज पर एक मैसेज लिखकर जेब में डाला
मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर एक पिता ने अपनी तीन मासूम बच्चियों को छोड़ दिया। बच्चियों ने बाल कल्याण समिति को बताया कि उनके पिता ने उन्हें स्टेशन पर बैठाकर एक कागज पर मां का नंबर लिखकर दिया था। बच्चियों की उम्र दो से पांच वर्ष के बीच है। बाल कल्याण समिति ने बच्चियों को दत्तक ग्रहण संस्थान भेज दिया है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News: पापा हमलोगों को स्टेशन पर बैठा कर बोले, यहीं पर बैठो, कहीं नहीं जाना। उन्होंने कागज पर मोबाइल नंबर लिखकर जेब में रख दिया, बोले जब पुलिस अंकल आएंगे तो उन्हें मां से बात करा देना...।
पिता द्वारा ठुकराई गईं तीन मासूम बच्चियों ने रो-रो कर जिला बाल कल्याण समिति के सामने ये बातें कहीं। उनकी जेब से मिले मोबाइल नंबर पर जब काल की गई तो एक महिला ने रिसीव जरूर किया, लेकिन बात शुरू होते ही काट दिया।
कई बार कोशिश के बाद भी उस नंबर पर जिला बाल कल्याण समिति की बात नहीं हो सकी। समिति अध्यक्ष उदय शंकर शर्मा, सदस्य मो.सफदर अली व प्रतिभा रानी ने तीनों मासूम बच्चियों को खबरा स्थित विशिष्ठ दत्तक ग्रहण संस्थान भेज दिया।
बताते हैं कि जंक्शन के एक नंबर प्लेटफार्म पर तीनों बच्चियां चाइल्ड लाइन को लावारिस मिलीं। उनकी उम्र करीब दो, तीन व पांच वर्ष है। तीनों अपने घर के बारे में नहीं बता पा रही हैं। झोले से कुछ बिस्किट भी मिले हैं। तीनों का रो-रो कर बुरा हाल था। माता-पिता के पास जाना चाहती हैं।
कहीं बोझ समझ तो नहीं ठुकराई गईं बेटियां
मुजफ्फरपुर : रेलवे स्टेशन पर मिलीं मासूम बेटियों ने समाज की सोच को लेकर प्रश्न खड़ा कर दिया है। सरकार एक तरफ बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को लेकर लोगों को जागरूक कर रही है तो दूसरी तरफ एक पिता के बेटियों को ठुकराने की घटना ने समाज को शर्मसार कर दिया है। जिला बाल कल्याण समिति भी इसकी तह तक जाना चाह रही कि कहीं तीनों बच्चियों को छोड़ने के पीछे बेटियों को बोझ समझने की कुंठित सोच तो नहीं है।
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