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    Bihar News: शिक्षा विभाग के 16 अधिकारि‍यों और 13 हेडमास्‍टरों का वेतन बंद, मुजफ्फरपुर डीएम ने इस वजह से लिया कड़ा फैसला

    By Jagran NewsEdited By: Prateek Jain
    Updated: Wed, 28 Feb 2024 06:00 AM (IST)

    डीएम ने लापरवाह शिक्षा अधिकारी व एचएम के वेतन भुगतान पर रोक लगाने का आदेश दिया। इन सभी का किसी भी तरह का विपत्र कोषागार से पास नहीं होगा। मामला शिक्षा विभाग के कर्मियों की ओर संपत्ति का ब्योरा नहीं देने का है। डीएम ने मामले को काफी गंभीरता से लिया। 16 बीईओ व 13 प्रखंड के राजकीय व प्रोजेक्ट स्कूलों के एचएम का वेतन बंद कर दिया गया है।

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    शिक्षा विभाग के 16 अधिकारि‍यों और 13 हेडमास्‍टरों का वेतन बंद, मुजफ्फरपुर डीएम ने इस वजह से लिया कड़ा फैसला

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। डीएम ने लापरवाह शिक्षा अधिकारी व एचएम के वेतन भुगतान पर रोक लगाने का आदेश दिया। इन सभी का किसी भी तरह का विपत्र कोषागार से पास नहीं होगा। मामला शिक्षा विभाग के कर्मियों की ओर संपत्ति का ब्योरा नहीं देने का है।

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    डीएम ने मामले को काफी गंभीरता से लिया है। 16 बीईओ व 13 प्रखंड के राजकीय व प्रोजेक्ट स्कूलों के एचएम का वेतन बंद कर दिया गया है। डीएम ने कर्मियों की सूची, संपत्ति का ब्योरा नहीं देने के कारण शिक्षा विभाग के सभी प्रकार के विपत्रों की निकासी पर रोक लगा दी है।

    सभी से मांगा गया स्‍पष्‍टीकरण

    डीपीओ स्थापना ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। साथ ही उन सभी से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। डीपीओ की मानें तो 16 जनवरी के निर्देश के आलोक में 31 जनवरी को समूह , श्रेणी के कर्मियों की सूची, चल-अचल सम्पत्ति एवं दायित्वों का विवरण आठ फरवरी तक उपलब्ध कराने को निर्देश दिया गया था।

    निर्धारित अवधि तक संबंधित विवरण प्राप्त नहीं होने से डीएम द्वारा सभी प्रकार के विपत्रों की निकासी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। सभी की चल-अचल सम्पत्ति व दायित्वों का विवरण प्राप्त होने तक वेतन स्थगित रहेगा। शिक्षा विभाग की मानें तो बार-बार आदेश के बावजूद ये लोग संपत्ति का ब्योरा नहीं दे रहे है।

    निजी स्कूल के शिक्षक की मौत की जांच को मेडिकल बोर्ड गठित

    मुजफ्फरपुर। सिवाईपट्टी थाना क्षेत्र के डेरा चौक स्थित एक निजी विद्यालय के शिक्षक कृष्णा कुमार की मौत की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है। बता दें कि पिछले दिनों सिवाईपट्टी थानाध्यक्ष मनमोहन कुमार की अनुशंसा पर एसएसपी ने इसे डीएम के पास स्वीकृति के लिए भेजा था।

    जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को इस संबंध में निर्देशित किया था। इसपर उन्होंने तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन कर दिया है। इसमें सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डा. ज्ञानेंदु शेखर, प्रभारी जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. संजीव कुमार पाण्डेय और प्रभारी जिला संचारी रोग पदाधिकारी डा. सीके दास को शामिल किया गया है।

    सिविल सर्जन ने पूरी रिपोर्ट और स्पष्ट मंतव्य के साथ पांच मार्च को कार्यालय में उपस्थित होकर इसे सौंपने को कहा है। इससे मौत के स्पष्ट कारणों का पता लगेगा।

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