बिहार में गजब हो गया... Highway की जमीन ही बेच दी, मुजफ्फरपुर-बरौनी Four Lane का कार्य खतरे में
Bihar News पूरा मामला मुजफ्फरपुर के मुशहरी अंचल से जुड़ा हुआ है। यहां एनएनएआइ की जमीन न केवल बिक रही वरन दाखिल-खारिज भी किया जा रहा। अतरदह मौजे में रामदयालु से लेकर कच्ची पक्की तक बड़ी संख्या में लोगों ने हाईवे की जमीन पर घर बना लिया है। मुजफ्फरपुर-बरौनी फोरलेन पर खतरे को देखते हुए एनएचएआइ के परियोजना निदेशक आशुतोष सिन्हा ने डीएम को फिर से पत्र भेजा है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Bihar News: जिले में सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री से लेकर उसके दाखिल-खारिज पर रोक नहीं पा रही है। कुढ़नी में अतिरिक्त स्वास्थ्य उपकेंद्र, खासमहाल, मठ-मंदिर की जमीन के अलावा पिछले दिनों कांटी में कृषि विभाग की जमीन की बिक्री का मामला सामने आया था।
एनएचएआइ की जमीन पर घर
मुशहरी अंचल में एनएनएआइ की जमीन ना केवल बिक रही, उसका दाखिल-खारिज भी किया जा रहा है। इससे अतरदह मौजे में रामदयालु से लेकर कच्ची पक्की तक बड़ी संख्या में लोगों ने एनएचएआइ की जमीन पर घर बना लिया है।
शिकायत के बाद भी जमीन की खरीद-बिक्री
एनएचएआइ के परियोजना निदेशक आशुतोष सिन्हा ने डीएम सुब्रत कुमार सेन को फिर से पत्र भेजा है। इसमें लिखा है कि कई बार शिकायत के बाद भी जमीन की खरीद-बिक्री हो रही है। वहीं मुशहरी के अंचलाधिकारी भी उसका दाखिल-खारिज कर दे रहे हैं।
अतिक्रमण से परियोजना खतरे में
इससे अतिक्रमणकारियों की जमीन वैध हो जा रही है। इसे देखते हुए अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई का आग्रह किया गया है। विदित हो कि मुजफ्फरपुर से बरौनी एनएच-28 को फोरलेन बनाया जाना है। इस क्षेत्र में जमीन के अतिक्रमण से परियोजना खतरे में पड़ गई है।
कार्रवाई का किया था आग्रह
परियोजना निदेशक ने फरवरी में भी अतिक्रमणकारियों की तस्वीर भेजकर कार्रवाई का आग्रह किया था। इसमें कई कामर्शियल कांप्लेक्स भी बना दिए गए हैं। परियोजना निदेशक के अनुसार रामदयालु ओवरब्रिज के निर्माण के पूर्व समस्तीपुर जाने वाली सड़क रामदयालु गुमटी होकर जाती थी।
अवैध रूप से खरीद-बिक्री
बाद में जाम की स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त भूमि का अधिग्रहण कर ओवरब्रिज का निर्माण कराया गया। इसके बाद यातायात इस ओर स्थानांतरित हो गया। इससे रामदयालु गुमटी से कच्ची पक्की चौक तक सड़क लेफ्ट ओवर रह जाने से स्थानीय भू-माफिया ने अवैध रूप से इसकी खरीद-बिक्री शुरू कर दी।
रैयतों को दे दिया गया था मुआवजा
माफिया अपना वर्चस्व कायम कर लोगों से छल करते हुए सरकारी जमीन बेच रहे हैं। जबकि वर्ष 1963-64 में ही जमीन का अधिग्रहण एनएच के निर्माण के लिए किया गया था। सभी रैयतों को मुआवजा भी दे दिया गया था।
सभी भूमि की आवश्यकता
परियोजना निदेशक के अनुसार मुख्य सचिव ने सभी सड़कों की मापी का निर्देश दिया था। साथ ही एनएच-28 के मुजफ्फरपुर-बरौनी खंड को फोरलने बनाया जाना है। वहीं रामदयालु नगर के पास रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के साथ सड़क निर्माण का प्रारूप गोलाकार प्रस्तावित है। इस कारण इस क्षेत्र की सभी भूमि की आवश्यकता होगी।
सीओ ने कहा, मामला संज्ञान में नहीं
इस मामले में मुशहरी के सीओ महेंद्र प्रताप शुक्ला ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। इसकी जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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