Bihar News: अब इंजीनियरिंग-पालीटेक्निक कक्षाओं के टाइम टेबल में माक जीडी और इंटरव्यू
बिहार के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में छात्रों को रोजगार से जोड़ने पर ध्यान दिया जाएगा। बीटेक और डिप्लोमा के छात्रों के टाइम टेबल में मॉक जीड ...और पढ़ें

बीटेक के तृतीय व अंतिम वर्ष तो पालीटेक्निक के द्वितीय और तृतीय वर्ष के लिए नई व्यवस्था। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News: प्रदेश के इंजीनियरिंग और पालीटेक्निक कालेजों में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को रोजगार से जोड़ने के लिए विशेष फोकस होगा।
ऐसे विद्यार्थियों के टाइम टेबल में अब माक जीडी (ग्रुप डिस्कशन) और इंटरव्यू को शामिल किया जाएगा। बीटेक के तीसरे और अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों और डिप्लोमा के द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं को रोजगार कौशल बढ़ाने के लिए यह विशेष व्यवस्था को लागू की गई है।
साथ ही कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत अब विद्यार्थियों को रोजगार कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए संस्थानों से एमओयू किया जाएगा।
विज्ञान, प्रावैधिकी और तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से इसका निर्देश दिया गया है। एमआइटी के प्राचार्य डा. एमके झा ने बताया कि बीटेक में नामांकित विद्यार्थियों को रोजगार से जोड़ने के लिए यह कदम काफी सकारात्मक होगा। विभाग की ओर से इसका निर्देश जारी किया गया है।
जनवरी तक कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव का होगा आयोजन
सभी कालेजों में जनवरी तक कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए संस्थान के टीपीओ यानी ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल आफिसर को जिम्मेदारी विभाग की ओर से दी गई है। कैंपस प्लेसमेंट में कम से कम 100 छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। इसमें अंतिम वर्ष के 40 से 50 प्रतिशत छात्र-छात्राओं के नियोजन का लक्ष्य रखा गया है।
इसके अतिरिक्त 2025 में उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों को भी रोजगार से जोड़ने के लिए अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। सभी कालेजों के नियोजन एवं प्रशिक्षण पदाधिकारी कैंपस प्लेसमेंट की तिथि निर्धारित कर इसकी जानकारी विभाग को देंगे।
निदेशालय के स्तर से आयोजित होने वाले प्लेसमेंट ड्राइव के लिए सभी कालेजों के नियोजन एवं प्रशिक्षण पदाधिकारी को यूजर आइडी और पासवर्ड उपलब्ध कराया जाएगा। विभाग की ओर से हर दो से तीन महीने पर कैंपस प्लेसमेंट के लिए नामित अधिकारियों की बैठक निदेशालय स्तर से बुलाई जाएगी। इसमें प्लेसमेंट की समीक्षा की जाएगी।
संस्थान स्तर पर मिलती थी ट्रेनिंग
अब तक इंजीनियरिंग कालेजों से लेकर पालीटेक्निक कालेजों में छात्र-छात्राओं को रोजगार से जोड़ने और कैंपस प्लेसमेंट के लिए तैयार करने के लिए अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को संस्थान स्तर पर ट्रेनिंग कराई जाती रही है।
एमआइटी समेत अन्य संस्थानों में इसका सकारात्मक असर भी दिखा। शिक्षकों के मार्गदर्शन में उन्हें इंटरव्यू से लेकर लिखित परीक्षा और अन्य प्रक्रियाओं की तैयारी कराई जाती थी। उन्हें साफ्ट स्किल्स जैसे कम्युनिकेशन, टाइम मैनेजमेंट, टीम वर्क समेत अन्य कौशल की ट्रेनिंग दी जाती थी।

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