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    बिहार में भू माफिया ने जमीन पर कब्जा करने का तरीका बदला, खरीद या बिक्री करते समय रहें सावधान

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 11:47 AM (IST)

    मुजफ्फरपुर में भू-माफिया ज़मीन कब्ज़ाने के लिए फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे प्रशासनिक कार्रवाई बाधित हो रही है। मुख्य सचिव की समीक्षा बैठक में दस्तावेज़ों की गहन जाच और दोषियों पर आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्णय लिया गया। ज़मीन विवाद की शनिवारीय बैठक अब अंचल स्तर पर होगी और शांति भंग की आशंका वाले मामले अनुमंडल पदाधिकारी को भेजे जाएँगे।

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    इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।

    प्रेम शंकर मिश्रा, मुजफ्फरपुर। Bihar News: राज्य में भू-माफिया अब नए तरीके से जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। वे फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन पर कब्जा कर लेते हैं। इसके बाद अदालत में स्वतत्व वाद दायर कर देते हैं। इससे आगे की प्रशासनिक कार्रवाई रुक जाती है।

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    पिछले दिनों मुख्य सचिव की समीक्षा बैठक में राजस्व विभाग की ओर से यह जानकारी दी गई। इसके बाद निर्णय लिया गया कि दस्तावेज के फर्जी होने के संदेह पर उसकी गहन छानबीन की जाए।

    इसके फर्जी होने की स्थिति में संबंधित पर आपराधिक मामला दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई की जाए। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अब जमीन विवाद के लिए थानाध्यक्ष और अंचलाधिकारी की थाना में होने वाली शनिवारीय बैठक अब अंचल स्तर पर होगी।

    इसमें संबंधित अंचल अधिकारी, राजस्व पदाधिकारी एवं सभी हलका कर्मचारी मौजूद रहेंगे। थाना स्तर से थानाध्यक्ष मौजूद रहेंगे। किसी महत्वपूर्ण व्यस्तता पर अतिरिक्त थानाध्यक्ष बैठक में मौजूद रहेंगे।

    कुछ मामले अनुमंडलाधिकारी को त्वरित भेजे जाएंगे

    शनिवारीय बैठक में कई ऐसे मामले आते हैं जिनमें शांति भंग होने की आशंका रहती है। इसे देखते हुए इन मामलों को तुरंत अनुमंडल पदाधिकारी के यहां भेजने का प्रविधान किया गया है। अनुमंडल पदाधिकारी के यहां भारतीय नागरिक सुरक्षा संहित के तहत आगे की कार्रवाई होगी। यदि बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम का मामला बनता है तो इसे डीसीएलआर के पास भेजा जाएगा।

    साथ-साथ स्थल निरीक्षण करेंगे थानाध्यक्ष एवं अंचलाधिकारी

    जमीन विवाद के किसी मामले में स्थल निरीक्षण की स्थिति में थाना एवं अंचल कार्यालय के कर्मी संयुक्त भ्रमण करेंगे। इसमें थानाध्यक्ष एवं अंचलाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। अलग-अलग निरीक्षण से परस्पर विरोधी आदेश की आशंका रहती है।