Bihar News : जमीन के कागजात रखें तैयार, शनिवार से विवाद के समाधान के लिए आपके घर पहुंचेगी टीम, जानें पूरी डिटेल
16 अगस्त से शुरू हो रहे राजस्व महाभियान के तहत प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक शिविर लगाने का फैसला लिया गया है। इसके लिए दोनों तरह की व्यवस्था की गई है। अगर स्वयं शिविर तक आने में असमर्थ हैं तो घर तक राजस्व विभाग की टीम जाकर समस्या का निदान करेगी। इसके लिए त्रिस्तरीय निगरानी सेल का गठन किया गया है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। अगर आप अपनी जमीन या राजस्व संबंधित के विवाद को लेकर परेशान हैं। वर्षों से अंचल कार्यालय की खाक छान चुके हैं। इसके बाद भी आपकी समस्या का निदान नहीं हो सका है तो आप अपने दस्तावेज तैयार रखें।
16 अगस्त से शुरू हो रहे राजस्व महाभियान के तहत प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक शिविर लगाए जाएंगे। अगर आप शिविर तक आने में असमर्थ हैं तो आपके घर तक राजस्व विभाग की टीम जाकर आपकी समस्या का निदान करेगी। इसे लेकर जिला में त्रिस्तरीय निगरानी सेल गठित किया गया है।
समाहर्ता ने आदेश जारी करते हुए जिला, अनुमंडल व अंचल स्तर पर सेल का गठन कर नोडल पदाधिकारियों को नामित किया है। साथ ही दो-दो पदाधिकारी व कर्मियों की भी तैनाती की गई है। महाभियान शुरू होने के बाद प्रत्येक दिन की अपडेट रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है ताकि इसे समेकित किया जा सके।
जिला स्तरीय सेल में अपर समाहर्ता व बंदोबस्त पदाधिकारी, अनुमंडल स्तर पर एसडीओ पूर्वी व पश्चिमी और अंचल स्तर पर प्रखंड के वरीय पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी नामित किया गया है। बताया गया कि रैयतों की भूमि संबंधित रिकार्ड की त्रुटियां दूर करने के उद्देश्य से यह अभियान शुरू किया जा रहा है। 20 सितंबर तक यह चलेगा।
इस दौरान जिला से प्रखंड मुख्यालय तक शिविर लगाकर भूमि संबंधित रिकार्ड अपडेट व त्रुटियों में सुधार होगा। इसमें परिमार्जन व उत्तराधिकारी/नामांतरण संबंधित आवेदनों का भी निष्पादन कैंप में होगा। इसके अलावा जो रैयत कैंप तक पहुंचने में असमर्थ होंगे, उनके घर-घर जाकर आवेदन प्राप्त कर इसमें सुधार करने की भी सुविधा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से दी गई है।
जमाबंदी पंजी के डिजिटाइजेशन में हो रही परेशानी : विभाग की ओर से अभियान सफल बनाने के लिए सभी पदाधिकारियों को जवाबदेही सौंपी गई है। विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त व समाहर्ताओं को पत्र भेजकर जानकारी दी है।
बताया कि जमाबंदी पंजी के डिजिटाइजेशन का कार्य किया जा रहा है। इस दौरान रैयतों का नाम, खाता, खेसरा, रकबा व लगान संबंधित रिकार्ड में अशुद्धियां पाई जा रही हैं। इससे डिजिटाइजेशन में परेशानी हो रही है।
अंचल स्तर पर भी ऐसे मामलों में सुधार किया गया है, लेकिन बड़ी संख्या में विभाग के पास भी आवेदन पहुंच रहे हैं। आनलाइन व्यवस्था में जानकारी के अभाव में त्रुटिपूर्ण आवेदन करते हैं, इससे भी निष्पादन में परेशानी होती है।
इसी प्रकार जमाबंदी रैयत की मृत्यु के बाद भी उनके नाम से ही जमाबंदी चलती रहती है। उनके उत्तराधिकारियों के नाम से दाखिल खारिज हो जाना चाहिए। इन तमाम त्रुटियों को दूर करने के लिए इस महाभियान की शुरुआत की जा रही है।
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