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    Bihar News: गयाजी केंद्रीय कारा का बैकुंठ शुक्ल के नाम से होगा नामकरण, प्रशासन ने शुरू की प्रक्रिया

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 11:38 AM (IST)

    Bihar News स्वतंत्रता सेनानी बैकुंठ शुक्ल के सम्मान में गयाजी केंद्रीय कारा का नामकरण किया जाएगा। विधान पार्षद वंशीधर ब्रजवासी के सवाल पर सरकार ने बताया कि गृह विभाग ने गयाजी के जिला पदाधिकारी से इस बारे में रिपोर्ट मांगी है। राज्य में पहले से ही कई कारागारों का नामकरण क्रांतिकारियों के नाम पर किया गया है। बैकुंठ शुक्ल को गयाजी केंद्रीय कारा में फांसी दी गई थी।

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    स्वतंत्रता आंदोलन के बलिदानी बैकुंठ शुक्ल। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Gayaji Central Jail: स्वतंत्रता आंदोलन में बलिदान देने वाले तिरहुत के लाल बैकुंठ शुक्ल के नाम से गयाजी केंद्रीय कारा का नामकरण होगा। विधान पार्षद वंशीधर ब्रजवासी के सवाल पर सरकार की ओर से इस संबंध में जानकारी दी गई है।

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    गृह विभाग ने गयाजी के जिला पदाधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद अंतिम रूप से नामकरण पर निर्णय लिया जाएगा। विदित हो कि राज्य में कई क्रांतिकारियों के नाम से केंद्रीय कारा का नामकरण किया गया है। इसमें मुजफ्फरपुर केंद्रीय कारा का नाम अमर शहीद खुदीराम बोस और भागलपुर केंद्रीय कारा का नाम शहीद जुब्बा सहनी किया गया।

    इन दोनों क्रांतिकारियों को इसी जेल में फांसी दी गई थी। इसी तरह क्रांतिकारी बैकुंठ शुक्ला को गयाजी केंद्रीय कारा में फांसी दी गई थी। सेंट्रल एसेंबली बम कांड में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को जिस बेतिया निवासी फणींद्र नाथ घोष की गवाही पर फांसी दी गई थी, उसकी हत्या में बैकुंठ शुक्ल को सजा हुई थी।

    इस कारण गयाजी केंद्रीय कारा का नामकरण बैकुंठ शुक्ल के नाम से करने को लेकर लगातार आवाज उठाई जा रही थी। वैशाली जिले (तिरहुत प्रमंडल) के लालगंज निवासी अमर बलिदानी बैकुंठ शुक्ल के नामपर मुजफ्फरपुर के बैरिया बस स्टैंड का नाम रखा जा चुका है।

    अमर शहीद बैकुंठ शुक्ल स्मृति समारोह की ओर से गयाजी केंद्रीय कारा का नामकरण बैकुंठ शुक्ल के नाम से करने के लिए आवाज उठाई जा रही थी। तिरहुत स्नातक क्षेत्र के विधान पार्षद ब्रजवाशी ने विधान परिषद में सवाल किया था।

    इसमें सरकार की ओर से बताया गया कि बलिदानी बैकुंठ शुक्ल को गयाजी केंद्रीय कारा में फांसी दी गई थी। राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा वर्ग आठ की विकसित पाठ्य पुस्तक अतीत से वर्तमान में उनकी वीरता की गाथा को शामिल किया गया है। सरकार ने यह भी बताया कि राज्य में 60 कारा संचालित हैं। इनमें से दो का नामकरण महान स्वतंत्रता सेनानियों के नाम से किया गया है।