चुन्नू ठाकुर और अनिल चौबे ने कुंदन सिंह को आगे-पीछे से मारी थी गोली...कोर्ट में पत्नी ने गवाही के दौरान बताई पूरी घटना
Kundan Singh Murder Case पांच गवाहों की गवाही हुई। मृतक की पत्नी अंचला कुमारी ने चुन्नू ठाकुर और अनिल चौबे पर हत्या का आरोप लगाया। दोनों आरोपी भागलपुर जेल से वीसी के माध्यम से पेश हुए। अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी जिसमें अभियोजन पक्ष एक और गवाह पेश करेगा। कुंदन सिंह की हत्या 2019 में बैरिया बस स्टैंड पर हुई थी। कारण पंकज हत्याकांड में गवाही देना था।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। अहियापुर थाना क्षेत्र के बैरिया बस स्टैंड में साढ़े छह वर्ष पूर्व सदातपुर निवासी कुंदन कुमार सिंह हत्याकांड में चल रहे सेशन-ट्रायल में अभियोजन पक्ष की ओर से पांचवें गवाह की गवाही हुई।
एडीजे-20 के न्यायाधीश शरद चंद्र कुमार के समक्ष अभियोजन पक्ष की ओर से पांचवें गवाह केस के सूचक मृत कुंदन सिंह की पत्नी अंचला कुमारी को पेश किया गया। गवाह सुरक्षा अधिनियम के तहत उसे विशेष सुरक्षा के बीच कोर्ट में लाया गया।
अपनी गवाही में अंचला कुमारी ने प्राथमिकी का समर्थन किया। उन्होंने खुद को घटना का चश्मदीद बताया। कहा, चुन्नू ठाकुर और अनिल चौबे ने उनके पति को आगे-पीछे से गोली मारी थी।
इस दौरान भागलपुर जेल में बंद हिस्ट्रीशीटर चुन्नू ठाकुर और अनिल चौबे दोनों आरोपितों की वीसी से पेशी हुई। मामले में अगली सुनवाई आठ अक्टूबर को होगी। उस दिन अभियोजन पक्ष की ओर से अगले गवाह को पेश किया जाएगा।
विदित हो कि एक फरवरी 2019 को बैरिया बस स्टैंड में कुंदन सिंह की हत्या कर दी गई थी। मामले में सदातपुर निवासी उनकी पत्नी अंचला कुमारी ने अहियापुर थाने में प्राथमिकी कराई थी। इसमें कहा था कि वह घटना के दिन पति के पास रुपये लेने गई थी।
इस दौरान चुन्नू ठाकुर, अनिल चौबे, शिवहर के श्रीनारायण सिंह, दामुचक निवासी प्रकाश सिंह बादल और शीत बसंत बस के मालिक कैलाश मिश्र व चार अन्य अज्ञात लोग आए। आरोपितों ने उनके सामने पति कुंदन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी।
मामले में पुलिस ने सीतामढ़ी के प्रांजल कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। प्रांजल पर अलग से ट्रायल चल रहा है। श्रीनारायण सिंह की शिवहर में हत्या हो चुकी है। प्रकाश सिंह बादल को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया और उसे फरार घोषित कर चार्जशीट दायर किया गया।
वहीं, कैलाश मिश्र की संलिप्तता पर पुलिस जांच कर रही है। चार्जशीट में स्पष्ट उल्लेख है कि कुंदन सिंह की हत्या कोर्ट में गवाही देने से रोकने के लिए की गई थी। कुंदन सिंह सदर थाना के चर्चित पंकज हत्याकांड में गवाह था।
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