Bihar News: बंद उद्योगों को चालू कराने की दिशा में बियाडा ने उठाया महत्वपूर्ण कदम, नई नीति का सहारा
बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा) ने बंद उद्योगों को पुनर्जीवित करने के लिए एमनेस्टी पालिसी 2025 पेश की है। इस नीति का लक्ष्य बियाडा की जमीन का बेहतर उपयोग करना और लंबित विवादों को सुलझाना है। हालांकि उद्यमियों की रुचि कम दिख रही है क्योंकि नई नीति के तहत अभी तक कोई आवेदन नहीं आया है। विभाग जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रहा है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा) ने उद्योग विभाग के साथ मिलकर बियाडा एमनेस्टी पालिसी 2025 लाया है। इस नीति से बंद उद्योग चालू होने की उम्मीद जगी है। जानकारी के अनुसार औद्योगिक इलाके में 425 में 15 यूनिट बंद हैं।
नई नीति को लेकर अब तक बियाडा में एक भी आवेदन नहीं आया है। उत्पादन वाली सील फैक्ट्री चालू कराने के लिए न्यायालय गए उद्यमी पवन कुमार ने बताया 2022 में उनकी फैक्ट्री को विभाग ने सील कर दिया। उनके यहां भाड़ा बकाया था।
फैक्ट्री जिस समय बंद हुई, वहां उत्पादन हो रहा था। कहा कि नई नीति में कुछ सुधार हो तो पहल की जाए। बताया कि जमीन लेने वाले उद्यमियों पर भारी शर्तें लागू हैं, जिसमें एक प्रतिशत लैंड रेट अग्रिम जमा करने के साथ ही पांच प्रतिशत बैंक गारंटी देनी है।
यह छोटे उद्यमियों की कार्यशील पूंजी पर बोझ डाल रही है। प्लांट ट्रांसफर पर 15 प्रतिशत सर्किल रेट फीस देनी होगी। अभी आर्थिक नुकसान होगा। इसलिए बंद यूनिट चालू कराने के लिए कोर्ट का सहारा लेना बेहतर है।
उद्यमी अवनीश किशोर ने कहा विभाग थोड़ा सुधार करे जैसे बैंक गारंटी के बदले पोस्टडेटेड चेक लिया जाए, ट्रांसफर फीस घटाकर पांच से सात प्रतिशत हो और पेनाल्टी चरणबद्ध होना चाहिए। इसके बाद उद्यमी को ज्यादा फायदा होगा।
उद्यमियों को किया जाएगा जागरूक
बियाडा के उपमहाप्रबंधक नीरज कुमार मिश्रा ने बताया कि अभी उनके पास कोई आवेदन नहीं आया। नई नीति के बारे में उद्यमियों से संवाद किया जाएगा। बताया कि बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा) ने उद्योग विभाग के साथ मिलकर बियाडा एमनेस्टी पालिसी 2025 की घोषणा की है।
इसका मुख्य उद्देश्य बंद पड़े उद्योगों को पुनर्जीवित करना, बियाडा की जमीन का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करना व वर्षों से लंबित विवादों को सुलझाना है। यह नीति 31 दिसंबर 2025 तक प्रभावी रहेगी। इसके तहत वे औद्योगिक इकाइयां जो किसी कारण से वर्षों से बंद हैं, समय पर उत्पादन शुरू नहीं कर पाईं या जिनका बियाडा से विवाद चल रहा है, उन्हें एक मौका दिया जाएगा।
निर्धारित शर्तों को पूरा करने व एग्रीमेंट का पालन करने पर इन इकाइयों को पुनः आवंटन का अवसर मिलेगा। मालूम हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 अगस्त को इसकी घोषणा की थी, जिसे 26 अगस्त को कैबिनेट से मंजूरी भी मिल गई।
एमनेस्टी पालिसी के तहत ऐसे मामलों का भी निपटारा होगा, जहां उद्योग के लिए आवंटित जमीन रद हो गई थी। आवेदन वर्षों से लंबित थे या उद्यमी प्रोडक्ट लाइन बदलना चाहते हैं अथवा ओनरशिप ट्रांसफर करना चाहते हैं।
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