35 दिनों में दूर होंगी खाता-खेसरा से जुड़ी त्रुटियां, परिमार्जन प्लस पोर्टल पर समय सीमा तय
मुजफ्फरपुर में जमाबंदी की त्रुटियों को सुधारने के लिए परिमार्जन प्लस पोर्टल पर समय सीमा तय की गई है। लिपिकीय भूलों को 15 दिनों में और खाता-खेसरा संबंध ...और पढ़ें

रैयतों को परिमार्जन प्लस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। सौ: इंटरनेट मीडिया
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Bihar Land Records: राज्य भर में जमाबंदी रिकॉर्ड के डिजिटाइजेशन के बाद सामने आ रही खाता-खेसरा संबंधी त्रुटियों को तय समय सीमा के भीतर दुरुस्त किया जाएगा।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसके लिए नई व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत अब खाता-खेसरा की गलतियां अधिकतम 35 कार्य दिवस में ठीक करना अनिवार्य होगा।
विभाग की ओर से बताया गया है कि राज्य में लगभग 4.50 करोड़ जमाबंदी का डिजिटाइजेशन किया जा चुका है। इस प्रक्रिया के दौरान नाम, खाता, खेसरा, लगान समेत कई तरह की त्रुटियां सामने आई हैं।
इन सुधारों के लिए रैयतों को परिमार्जन प्लस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। नई व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी और लोगों को अंचल कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
तीन श्रेणियों में तय की गई समय सीमा
- लिपिकीय या टाइपिंग संबंधी छोटी गलतियों जैसे नाम, पिता का नाम आदि के लिए अधिकतम 15 कार्य दिवस
- खाता, खेसरा, लगान व अन्य तकनीकी राजस्व त्रुटियों के लिए 35 कार्य दिवस
- विशेष व जटिल मामलों में जांच के लिए अधिकतम 75 कार्य दिवस की समय सीमा निर्धारित की गई है।
समय पर निष्पादन नहीं होने पर होगी कार्रवाई
निर्धारित अवधि में आवेदन का निष्पादन नहीं होने पर रैयत जिला स्तर के वरीय अधिकारियों से शिकायत कर सकते हैं। विभागीय स्तर पर मामले की जांच कर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इसकी निगरानी मुख्यालय स्तर से भी की जाएगी।
विभाग के सचिव ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर नई व्यवस्था का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही परिमार्जन प्लस पोर्टल को पहले से अधिक यूजर-फ्रेंडली बनाया गया है, ताकि लोग घर बैठे आसानी से आवेदन कर सकें।

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