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    मुस्लिम बहुल बूथ पर मंत्री रमा निषाद को नहीं मिला एक भी वोट, MY समीकरण भी दरका

    By Prem Shankar Mishra Edited By: Ajit kumar
    Updated: Thu, 04 Dec 2025 11:44 AM (IST)

    Bihar Politics: बिहार की मंत्री रमा निषाद को मुस्लिम बहुल बूथ पर एक भी वोट नहीं मिला, जिससे राजनीतिक चर्चा शुरू हो गई है। इस परिणाम का 'MY' समीकरण पर ...और पढ़ें

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    औराई विधानसभा की बूथ संख्या पर 173 पर भाजपा उम्मीदवार को शून्य वोट मिला। फाइल फोटो

    प्रेम शंकर मिश्रा, मुजफ्फरपुर। Bihar Politics: बिहार विधानसभा का यह चुनाव कई मायनों में यादगार रहा। जिले में एनडीए को 11 में से 10 सीटें मिलीं। वर्ष 2010 के चुनाव के बाद फिर एनडीए ने अपना प्रदर्शन दोहराया।

    इसमें औराई से भाजपा की रमा निषाद ने सर्वाधिक वोटों से जीत दर्ज की। उन्होंने वीआइपी के भोगेंद्र सहनी को 57 हजार से अधिक वोटों से हराया।

    जिले में पारू के अलावा यही वह सीट रही जहां एनडीए और महागठबंधन के अलावा तीसरे नंबर पर आए उम्मीदवार ने अपनी जमानत बचाई। यहां त्रिकोणीय मुकाबला हुआ।

    यहां वोटों का जमकर ध्रुवीकरण हुआ। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सबसे बड़ी जीत दर्ज करने वालीं रमा को बूथ संख्या 173 (उत्क्रमित मध्य विद्यालय, महेश स्थान उर्दू पश्चिम) में एक भी वोट नहीं मिला।

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    956 मतदाताओं वाले इस बूथ पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 949 एवं हिन्दू की सात है। इनमें से 656 मतदाताओं ने वोट डाले, मगर एक ने भी भाजपा उम्मीदवार को मत नहीं दिया। जबकि यहां नोटा में भी चार वोट पड़े।

    यहां सर्वाधिक 547 वोट आजाद समाज पार्टी (कांशी राम) के मो. आफताब आलम को मिले। वीआइपी के भोगेंद्र सहनी को 72 और निर्दलीय अखिलेश कुमार को भी 28 वोट मिले। इसके पास ही बूथ संख्या 172 में भी रमा को सात और आफताब को 410 वोट मिले।

    यानी यहां वोटों का ध्रुवीकरण हुआ। महागठबंधन से वीआइपी उम्मीदवार भोगेंद्र सहनी को यादव बहुल बूथों पर बढ़त मिली। इससे यहां एमवाई समीकरण दरक गया।

    भाजपा उम्मीदवार को मुस्लिम बहुल बूथों पर नहीं के बराबर वोट मिले। इस कारण नौ बूथों पर दहाई संख्या में भी वोट नहीं आए।

    290 बूथों पर आगे रहीं रमा

    रमा निषाद के पक्ष में यह महत्वपूर्ण बात रही कि उन्हें करीब 73 प्रतिशत बूथों पर बढ़त मिली। चार सौ में से उन्हें 290 बूथों पर प्रतिद्वंद्वियों से बढ़त मिली।

    भले ही उन्हें एक बूथ पर बड़ी संख्या में वोट नहीं मिले, मगर सभी बूथों पर मतदाताओं ने समर्थन किया। हालांकि वह अपने दोनों प्रतिद्वंद्वियों से बराबर की संख्या में बूथों पर पीछे भी रहीं। निकटतम प्रतिद्वंद्वी वीआइपी के भोगेंद्र सहनी और मो. आफताब उनसे 55-55 बूथों पर अधिक वोट पाए।

    सबसे अधिक वोट एक उम्मीदवार को बूथ संख्या 113 पर मिली। यहां भोगेंद्र सहनी को 724 वोट मिले। यादव बहुल प्राथमिक विद्यालय झौआ बूथ पर 1057 मतदाताओं में 828 ने वोट डाले। इनमें से 24 वोट ही रमा निषाद को मिले।

    जबकि यहां महिला मतदाताओं की संख्या भी 502 है। एकमुश्त वोट यहां महागठबंधन के खाते में गया। रमा को सर्वाधिक 597 वोट बूथ संख्या 43 में मिले।

    वैश्य बहुल उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोकिलवारा गोट बूथ पर 1098 मतदाता हैं। इनमें से 732 वोट डाले गए थे। मुस्लिम बहुल बूथों पर मो. आफताब आलम आगे रहे।

    इन बूथों में से नौ पर रमा को सिंगल डिजिट में वोट आए। वहीं 42 बूथों पर वह दहाई के आंकड़े पर रहे। इससे यह बात भी स्पष्ट है कि एनडीए को महिलाओं के वोट तो मिले, मगर एम-वाई से इतर।