इलाज कराने गई पेट दर्द का, निकाल ली दोनों किडनी...बिहार में झोलाछाप का हैरान करने वाला कारनामा
Bihar Health News बिहार के मुजफ्फरपुर जिला स्थित सकरा का मामला। मरीज के स्वजन काे मामले की जानकारी होने पर आरोपित के पास पहुंचे तो क्लीनिक बंद कर कर्मचारियों के साथ भागा। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। आरंभिक जांच में किडनी निकाले जाने की पुष्टि।
सकरा (मुजफ्फरपुर), संस। बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की एकबार फिर से पोल खुल गई है। यहां इलाज के नाम पर किस तरह से मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जाता है, यह सबके सामने आ गया है। ताजा मामला मुजफ्फरपुर के सकरा थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। यहां के बरियारपुर ओपी अंतर्गत बाजीराउत गांव की एक महिला की दोनों किडनी झोलाछाप ने निकाल ली। शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने पर स्वजन ने उसे दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया तो मामला सामने आया। जानकारी मिलने पर स्वजन ने क्लीनिक पर जाकर हंगामा किया। वहां से चिकित्सक व कर्मी भाग निकले। बरियारपुर ओपी के थानाध्यक्ष ने पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर घटना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि स्वजन ने आवेदन दिया है। चिकित्सकों एवं अन्य अस्पतालों के इलाज की रिपोर्ट देखी गई है। इसमें किडनी निकाले जाने की बात सामने आ रही है। निजी अस्पताल के प्रबंधक पर प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी।
- - मुजफ्फरपुर के सकरा में झोलाछाप पर महिला की किडनी निकालने का आरोप
- - हालत बिगड़ने पर महिला को दूसरे अस्पताल ले गए स्वजन तो मिली जानकारी
- - क्लीनिक पर स्वजन के हंगामा करने पर भाग निकले चिकित्सक व कर्मी
बताते हैं कि बाजीराउत निवासी लालदेव राम की पुत्री सुनीता देवी की तीन अगस्त को तबीयत खराब हो गई थी। उन्हें पेट में दर्द की शिकायत होने पर स्वजन बरियारपुर क्षेत्र के एक अस्पताल में ले गए। वहां झोलाछाप पवन कुमार ने ₹20 हजार रुपये जमा कराकर इलाज शुरू कर दिया। उसने आपरेशन करने की बात कही। इसपर स्वजन ने हामी भर दी। आरोप है कि इस दौरान झोलाछाप ने महिला की दोनों किडनी निकाल ली। उसकी हालत नहीं बिगड़ती तो इसकी जानकारी किसी को नहीं होती।
दूसरे अस्पताल से मिली पूरी जानकारी
सुनीता की ससुराल सकरा थाना क्षेत्र की रूपनपट्टी पंचायत में है। उसके तीन बच्चे हैं। वह पिता के यहां इलाज के लिए आई थी। पति अकलू राम का कहना है कि वह गरीब है। जानकारी मिलने पर थानाध्यक्ष राजेश कुमार यादव ने उसके घर पहुंचकर घटना की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि दूसरे अस्पताल की रिपोर्ट में किडनी निकाले जाने की बात सामने आ रही है। प्राथमिकी कर निजी अस्पताल के प्रबंधक को गिरफ्तार किया जाएगा। सदर अस्पताल, मुजफ्फरपुर के मेडिसिन विभाग के डा. रंजन कुमार कहा कि किडनी निकालने के बाद व्यक्ति कुछ दिनों तक जिंदा रह सकता है। इसके लिए डायलिसिस का सपोर्ट जरूरी रहता है। इसके अलावा भी वह जिंदा रह सकता है, यह उसकी शारीरिक क्षमता पर निर्भर करता है।