पुरानी पेंशन योजना को लेकर बिहार सरकार गंभीर, सरकारी कर्मियों के लिए खुशखबरी
Bihar government मधुबनी पहुंचे शिक्षामंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने महागठबंधन सरकार के एजेंडे के बारे में खुलकर अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा 10 लाख युवाओं को नौकरी देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर किसी को शक नहीं होना चाहिए।
झंझारपुर(मधुबनी), संवाद सहयोगी। बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद न केवल युवाओं के लिए खुशखबरी आ रही है वरन सरकार के वर्तमान कर्मियों के लिए भी अच्छी खबर है। राज्य सरकार इनके लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर गंभीर है। ये बातें सूबे के शिक्षामंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने झंझारपुर में प्रेस वार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने विस्तार से अपनी सरकार की लोककल्याण कारी योजनाओं की जानकारी दी। नियोजित शिक्षकों के समान काम-समान वेतन वाली मांग का भी उन्होंने समर्थन किया।
युवाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मात्र शिक्षा ही लोगों के सर्वांगीण विकास का एक मात्र माध्यम है। बिहार में शिक्षा संस्कार में सुधार हेतु विभाग के तंत्र को सक्रिय किया जा रहा है। उन्होंने शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों, कुलपतियों, व्याख्याता, शिक्षकों और अभिभावकों से अपील की कि वे शिक्षा में रुचि दिखाएं। अभिभावकों अपने बच्चों को विद्यालय जरूर भेजें। उन्होंने कहा कि सरकार 10 लाख युवाओं को नौकरी देने की अपनी बात पर प्रतिबद्ध है। इस दिशा में रोडमैप तैयार किए जा रहे हैं।
समान काम के बदले समान वेतन
युवाओं के साथ ही साथ वर्तमान कर्मचारियों के हित की बात भी उन्होंने कही। बाेले, समान काम के बदले समान वेतनमान की भी चिंता सरकार कर रही है। इसी तरह से उन्होंने पुरानी पेंशन योजना की भी वकालत की। इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विचार किए जाने की बात दोहराई। मंत्री ने कहा कि वित्त रहित शिक्षा नीति ठीक नहीं है। सरकार सात वर्षों से नहीं मिलने वाली अनुदान की समीक्षा कर रही है।
शिक्षा में और सुधार की जरूरत
झंझारपुर के आइबी में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने भाजपा और केंद्र सरकार की आलोचना की और जातिगत व्यवस्था पर कटाक्ष किया। उन्होंने माना कि सूबे में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा में सुधार की जरूरत है। इस दौरान राजद प्रखंड अध्यक्ष ललन यादव, अनिल मंडल, गुलाब कांत यादव, अंजार अहमद, अरुण कुमार भी मौजूद थे। शिक्षा मंत्री शुक्रवार की देर रात झंझारपुर पहुंचे थे। जहां शिक्षक अरुण कुमार के घर भोजन करने के बाद आइबी में ठहरे थे। शनिवार को प्रेसवार्ता के बाद वे मधेपुरा के लिए रवाना हो गए।