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    बायोमीट्रिक से हाजिरी बनाकर कक्षाओं से गायब हो रहे विद्यार्थी, पंजी पर उपस्थिति जरूरी

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 02:28 PM (IST)

    बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति को लेकर नया नियम लागू किया गया है। बायोमीट्रिक के साथ अब उपस्थिति पंजी पर भी हाजिरी लगेगी क्योंकि छात्र बायोमीट्रिक के बाद कक्षाओं से गायब हो जाते थे। निदेशालय ने सभी संस्थानों को यह निर्देश दिया है।

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    बायोमीट्रिक हाजिरी। (सांकेतिक फोटो)

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों के विभिन्न ब्रांचों में नामांकित छात्र-छात्राओं के लिए अब बायोमीट्रिक के साथ-साथ उपस्थिति पंजी पर भी हाजिरी बनाई जाएगी।

    छात्र-छात्राएं बायोमीट्रिक से हाजिरी लगाने के बाद कक्षाओं से गायब हो जा रहे हैं। इस कारण उपस्थिति तो दर्ज हो जाती है लेकिन कॉलेजों की कक्षाओं में वे उनकी संख्या लगातार घट रही है।

    छात्र-छात्राओं की संख्या कम होने के कारण कक्षाओं और प्रयोगशालाओं का संचालन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। निदेशालय को इसकी शिकायत मिली है। इसी आधार पर विज्ञान, प्रावैधिकी और तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से सभी तकनीकी संस्थानों की ओर से इसका निर्देश जारी किया गया है।

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    कहा गया है कि प्राय: ऐसा देखा जा रहा है कि छात्र बायोमीट्रिक हाजिरी लगाकर वर्ग कक्ष से गायब रहते हैं। इससे छात्रों की उपस्थिति कम रहने के कारण वर्ग कक्ष और प्रयोगशालाओं का संचालन सही ढंग से नहीं हो पाता है। ऐसे में विमर्श के बाद विभाग के स्तर से यह फैसला लिया गया है कि सभी वर्ग कक्ष एवं प्रयोगशाला कक्ष में उपस्थिति पंजी के माध्यम से छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।

    इससे शिक्षक सुगमता पूर्वक कक्षाओं का संचालन कर सकेंगे। एमआईटी के प्राचार्य डॉ. एमके झा ने बताया कि निदेशालय के स्तर से आदेश जारी किया गया है। इसका अनुपालन सभी संस्थानों को सुनिश्चित करना है।

    संस्थानों में इंस्टाल होंगे कैमरे, होगी निगरानी

    राज्य के सभी इंजीनियरिंग से लेकर पॉलीटेक्निक संस्थानों में महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसी कैमरे इंस्टाल किए जाएंगे। इससे कैंपस में होने वाली गतिविधियों की मॉनीटरिंग की जा सकेगी। कई कॉलेजों में पिछले दिनों लगातार रैगिंग की घटनाएं सामने आ चुकी है।

    वहीं, मारपीट से लेकर हंगामा समेत अन्य शिकायतें सामने आई थी। इसी आधार पर विभाग की ओर से सभी तकनीकी संस्थानों को यह निर्देश जारी किया गया है।

    इंजीनियरिंग कॉलेजो के प्राचार्यों को निर्देश दिया गया है कि रैगिंग पर सतत निगरानी रखी जाए। छात्रावासों के भ्रमण के लिए वार्डन और शिक्षकों को नियमित रूप से करने के लिए निर्देश जारी किया जाए। संस्थान में रैगिंग पर रोक लगाने और छात्र-छात्राओं की समस्या का निराकरण निर्धारित अवधि में किया जाए।

    कंसल्टेंसी प्रोजेक्ट हासिल करेंगे सभी संस्थान और शिक्षक

    प्रदेश के सभी इंजीनियरिंग से लेकर पॉलीटेक्निक संस्थानों को कंसल्टेंसी प्रोजेक्ट प्राप्त कर आंतरिक आय बढ़ानी होगी। सभी प्राचार्यों को निर्देश जारी किया गया है कि वे राज्य सरकार के विभिन्न निर्माण कार्यों से संबंधित विभागों जैसे भवन निर्माण विभाग, बिहार राज्य पूल निर्माण निगम लिमिटेड, रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट, ग्रामीण कार्य विभाग से समन्वय स्थापित कर कंसल्टेंसी के लिए प्रोजेक्ट प्राप्त करेंगे।

    इससे संस्थान के संसाधनों में वृद्धि होगी। विभाग की ओर से कहा गया है कि संस्थान के शिक्षकों को भी इसका लाभ मिलेगा।