Bihar Election: माओवाद की रही धरती, अब लहलहाई लोकतंत्र की फसल; मतदाताओं ने की बंपर वोटिंग
मुजफ्फरपुर से, कभी माओवाद प्रभावित क्षेत्र रहे मीनापुर, पारू और साहेबगंज में लोकतंत्र की लहर दिखाई दी। सुरक्षा व्यवस्था के कारण मतदाताओं ने निर्भय होकर मतदान किया। मीनापुर में 74.94%, पारू में 72.62% और साहेबगंज में 68.66% मतदान हुआ, जो पिछले दो दशकों में सबसे अधिक है। प्रशासन के मतदाता जागरूकता अभियान का भी सकारात्मक असर हुआ।
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मीनापुर के धर्मपुर पूर्वी में बूथ नंबर 15,16 पर वोटिंग के लिए लाइन में खड़े मतदाता। (जागरण)
बाबुल दीप, मुजफ्फरपुर। लोकतंत्र की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जो कभी माओवाद की धरती थी, जहां लोग घरों से निकलने में डरते थे, शाम ढलते ही कर्फ्यू जैसे हालात हो जाते थे। माओवाद की समाप्ति के बाद अब इस धरती पर लोकतंत्र की फसल लहलहा रही है।
मीनापुर और पारू विधानसभा में गुरुवार को हुई बंपर वोटिंग ने इसे साबित कर दिया कि मतदाताओं में किस प्रकार मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
यह वही विधानसभा है, जहां एक दशक पहले तक दोपहर तीन बजे तक ही मतदान होता है। यह पहली बार है कि जब इन क्षेत्रों में शाम छह बजे तक मतदान हुआ। पुलिस-प्रशासन का सुरक्षा को लेकर ऐसा प्रबंध कि मतदाता न सिर्फ अपने घरों से निकले, बल्कि मतदान समाप्ति के समय के बाद भी कतार में वोट डालने के लिए खड़े रहे।
जबकि पहले तीन बजते-बजते ही मतदान सामग्री को सील कर सुरक्षा बल और कर्मी इन क्षेत्रों से रवाना हो जाते थे। अब शाम छह बजे तक मतदाताओं के आने का इंतजार बूथों पर करते हैं। इसका परिणाम यह रहा कि कई दशकों के यहां पर रिकार्ड टूट गए। उक्त दोनों सीटों पर अब तक 55-60 प्रतिशत मतदान होता था। वहां इस बार मीनापुर में 74.94 और पारू में 72.62 प्रतिशत हुआ। यह पिछले दो दशक में सर्वाधिक रहा।
साहेबगंज के मतदाताओं ने दिखाई ताकत
साहेबगंज विधानसभा वह क्षेत्र है, जो दियारा से घिरा हुआ है। यह क्षेत्र कभी बंदूक गरजने के लिए जाना जाता था। दियारा की हालत ऐसी थी कि अगर रात में वारदात हो जाती थी तो पुलिस भी जाने से कतराती थी। अब इस क्षेत्र का न सिर्फ विकास हुआ बल्कि मतदाता भी जागरूक हुए।
दियारा क्षेत्रों में न सिर्फ सड़कें बनी बल्कि घर-घर बिजली भी पहुंची। अब यहां भी शाम छह बजे तक मतदान होता है। इस बार के चुनाव में यहां पर 68.66 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
प्रशासन की मानें तो मतदाता जागरूकता अभियान का भी असर हुआ है। इन क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर अभियान चलाकर मतदान करने के लिए मतदाताओं को जागरूक किया गया था। इसका बेहतर परिणाम निकलकर सामने आया है।

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