Bihar Election 2025: उत्तर बिहार की इन सीटों में NDA के फार्मूले पर चिराग की पार्टी, क्या मिल पाएगी सफलता?
बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhan Sabha Cunav 2025) के लिए राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। एनडीए गठबंधन में, एलजेपी(आर) उत्तर बिहार की कुछ सीटों पर एनडीए के फॉर्मूले के तहत चुनाव लड़ रही है। पार्टी का लक्ष्य उन सीटों पर अपनी दावेदारी मजबूत करना है, जहां पहले एलजेपी का प्रभाव था, लेकिन सफलता की राह में कई चुनौतियां हैं।

NDA के फार्मूले पर चिराग की पार्टी। फाइल फोटो
अनिल तिवारी, सीतामढ़ी। द्वितीय चरण में 11 नवंबर को हो रहे मतदान में एनडीए के प्रमुख घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की चंपारण व सीतामढ़ी की तीन सीटों पर परीक्षा होगी। यह पहला अवसर होगा जब लोजपा-आर जदयू के साथ पूर्ण गठबंधन कर चुनाव (Bihar Election 2025 लड़ रही है।
उत्तर बिहार के जिन जिलों में चुनाव हो रहे हैं, उनमें तीन सीटों पर लोजपा (आर) के प्रत्याशी हैं। मधुबनी और पश्चिम चंपारण की 19 सीटों में उसकी कहीं उपस्थिति नहीं है। पूर्वी चंपारण की 12 सीटों में गोविंदगंज और सुगौली तथा सीतामढ़ी की आठ सीटों में बेलसंड सीट से पार्टी भाग्य आजमा रही है।
पूर्वी चंपारण के गोविंदगंज विधानसभा सीट से इस बार फिर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी मैदान में हैं। वहां, उन्हें इस बार भी कांग्रेस से ही चुनौती मिल रही। इस सीट पर पिछले तीन-चार बार से महागठबंधन की ओर से कांग्रेस उम्मीदवार ही सामने आ रहे हैं।
हालांकि, इस बार कांग्रेस ने यहां से अपने उम्मीदवार का चेहरा बदल दिया है। ब्रजेश पांडेय की जगह इस बार इलाके के चर्चित ठेकेदार और कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष इंजीनियर शशिभूषण राय उर्फ गप्पू राय को उतारा है। राजू वर्ष 2015 में इस सीट से विधायक चुने गए थे।
उस समय भी भाजपा उनके साथ थी। जीतने के बाद वे लोजपा विधायक दल के नेता भी बनाए गए थे। फिर 2020 के चुनाव में गठबंधन से अलग होकर लड़ने पर वे खिसक कर तीसरे नंबर पर चले आए। तब यहां से भाजपा के सुनील मणि तिवारी कांग्रेस के ब्रजेश पांडेय को हराकर विधायक बने। इस बार यह सीट लोजपा (आर) के खाते में चली गई और राजू तिवारी पुन: मैदान में आ गए।
इधर, टिकट कटने से भाजपा के सुनील मणि तिवारी नाराज चल रहे हैं। राजू तिवारी को अपने आधार मत 22 प्रतिशत ब्राह्मण, वैश्य, लव-कुश और पासवान-रविदास वोटों पर ज्यादा भरोसा है। वहीं, कांग्रेस के गप्पू राय भूमिहार और राजद के माय समीकरण को सहेजने में जुटे हैं।
बेलसंड में पहले भी लड़ चुकी है लोजपा
सीतामढ़ी में लोजपा (आर)को बेलसंड सीट मिली है। यहां से अमित कुमार रानू को प्रत्याशी बनाया गया है। वे इस क्षेत्र के लिए पूरी तरह नये हैं। इस सीट पर राजद के संजय कुमार गुप्ता का कब्जा है। इस बार वे फिर प्रत्याशी हैं। इस सीट पर लोजपा पहले भी लड़ती आई है, लेकिन कभी सफलता नहीं मिली।
2015 में इस सीट पर कुल पड़े मतों का 23 प्रतिशत 28,210 वोट लाकर मो. नसीम अहमद दूसरे स्थान पर थे। उन्हें जदयू की सुनीता सिंह चौहान ने हराया था। 2020 के चुनाव में सुनीता सिंह चौहान दूसरे स्थान पर आ गईं और राजद के संजय कुमार गुप्ता यहां से विधायक निर्वाचित हुए थे।
लोजपा के मो. नसीम अहमद दूसरे से तीसरे स्थान पर खिसक कर आ गए। पार्टी ने इस बार अमित रानू को टिकट देकर भेजा है। इलाके के उनके बाहरी होने की चर्चा भी रही, हालांकि उनके पक्ष में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व अन्य कई वरिष्ठ नेता सभा कर चुके हैं।
प्रत्याशी को मिल रही चुनौती
लोजपा (आर) की दूसरी सीट सुगौली में इस बार भाजपा से विधान पार्षद रहे राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता पार्टी के प्रत्याशी हैं। यहां मैदान में उतरने से पहले ही अंतिम क्षण में राजद के विधायक शशिभूषण सिंह का नामांकन अस्वीकृत हो गया। हालांकि, यहां से जन सुराज, बसपा व जनशक्ति जनता दल की ओर से चुनौती मिल रही है।
बेलसंड में पहले भी लड़ चुकी है लोजपा, नहीं मिली कभी जीत
सीतामढ़ी में लोजपा (आर) को बेलसंड सीट मिली है। यहां से अमित कुमार रानू को प्रत्याशी बनाया गया है। वे इस क्षेत्र के लिए पूरी तरह नये हैं। इस सीट पर राजद के संजय कुमार गुप्ता का कब्जा है। इस बार वे फिर प्रत्याशी हैं। इस सीट पर लोजपा पहले भी लड़ती आई है, लेकिन कभी सफलता नहीं मिली।
2015 में इस सीट पर कुल पड़े मतों का 23 प्रतिशत 28,210 वोट लाकर मो. नसीम अहमद दूसरे स्थान पर थे। उन्हें जदयू की सुनीता सिंह चौहान ने हराया था।
2020 के चुनाव में सुनीता सिंह चौहान दूसरे स्थान पर आ गईं और राजद के संजय कुमार गुप्ता यहां से विधायक निर्वाचित हुए थे। लोजपा के मो. नसीम अहमद दूसरे से तीसरे स्थान पर खिसक कर आ गए। पार्टी ने इस बार अमित रानू को टिकट देकर भेजा है।

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