आनलाइन गेम ने किया मालामाल, नासमझी ने लगाया चूना, बिहार के इस युवक से लें एक करोड़ की सीख
Bihar Cyber Crime बिहार के मधुबनी जिला निवासी जियाउद्दीन चेन्नई स्थित एक लेदर कंपनी में काम करते हैं। पढ़ाई के नाम पर वे केवल हस्ताक्षर कर सकते। आनलाइन गेम खेलकर उन्होंने एक करोड़ 139 रुपये का इनाम हासिल किया। जानें दो दिन बाद फिर से कैसे हो गए कंगाल ?

बाबूबरही (मधुबनी), जासं। किस्मत के खेल की कहानी तो आपने बहुत सुनी और पढ़ी होगी, लेकिन यह सबसे अलग है। बिहार के मधुबनी जिला निवासी जियाउद्दीन पर किस्मत कुछ ऐसे मेहरबान हुई कि वे करोड़पति बन गए। लगा सबकुछ बदल जाएगा। जिंदगी में बहार ही बहार होगी, लेकिन किस्मत का खेल यहीं खत्म नहीं हुआ। एक और खेल उसके साथ हुआ। उसके बाद फिर से वह कंगाल हो गया। कंगाल मतबल कंगाल। दअसल, आनलाइन गेम खेलकर करोड़पति बने एक युवक को चार दिन के अंदर ही साइबर ठगों ने कंगाल बना दिया। उसने पुलिस को आवेदन देकर कार्रवाई की गुहार लगाई है। मामला बाबूबरही अंचल के छौरही गांव का है। यहां के निवासी 30 वर्षीय जियाउद्दीन चेन्नई स्थित लेदर कंपनी में काम करते हैं। वह महज अपना नाम लिख पाते हैं। कंपनी में अन्य कर्मचारियों से मोबाइल पर ड्रीम 11 गेम खेलने के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने दो माह पहले गेम खेलना शुरू किया था। बीते 28 अप्रैल को विजेता बने। इसपर एक करोड़ 139 रुपये का इनाम मिला। टैक्स काटकर उनके वालेट एकाउंट में 70 लाख 167 रुपये 50 पैसे आए थे।
- - आनलाइन गेम में बना करोड़पति, साइबर ठगों ने कर दिया कंगाल
- - ड्रीम 11 गेम खेलकर मधुबनी के एक युवक ने जीते एक करोड़ 139 रुपये
- - 28 अप्रैल को वालेट में आई राशि, दो मई को ओटीपी मांगकर हुई ठगी
तीन बार में खाते से निकल गए 61 लाख 90 हजार
दो मई को एक अनजान नंबर से फोन आया। फोन करनेवाले ने अपने आप को ड्रीम 11 का कर्मचारी बताया। इसी दौरान उसके मोबाइल पर एक ओटीपी आया। उस कर्मचारी ने बातों में बहकाकर ओटीपी नंबर मांग लिया। इसके बाद एक लाख 90 हजार 20 लाख और 40 लाख रुपये वालेट से कट गए। तीन किस्तों में कुल 61 लाख 90 हजार रुपये की निकासी साइबर ठग ने कर ली। वालेट में आठ लाख नौ हजार 785 रुपये बचे। कुछ देर बार दोबारा एक और ओटीपी आया। फिर फोन कर मांगा गया तो जियाउद्दीन ने नहीं बताया। इसके बाद उनका वालेट ब्लाक हो गया।
सिम भी कर लिया गया हैक
इतना ही नहीं उसके मोबाइल के जिओ सिम को एयरटेल में परिवर्तित कर किसी अनजान व्यक्ति के अपने नाम से करा लिया है। जियाउद्दीन का कहना है कि उनका बैंक एकाउंट पैन कार्ड व आधार से लिंक नहीं था, इस कारण वे जीती इनामी राशि उसमें ट्रांसफर नहीं कर पाए। उन्होंने अपनी पत्नी का पीएनबी का एकाउंट वालेट से जोडऩा चाहा तो फोन कर ऐसा नहीं करने की धमकी दी गई। इसके बाद उनका वालेट ही ब्लाक हो गया। जियाउद्दीन स्थानीय थानेदार के पास गए तो वहां कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने एसपी के नाम आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है। बाबूबरही थानेदार राहुल कुमार का कहना है कि मामला चेन्नई और हैदराबाद से जुड़ा हुआ है। वालेट से रुपये की निकासी वहीं से हुई है। पीडि़त को वहीं के साइबर सेल में शिकायत करने को कहा गया है।
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