बिहार के सरपंचों से ठगी के तार विदेश से जुड़े, इस दिशा में चल रही पुलिस की जांच
मुजफ्फरपुर में साइबर अपराधियों का जाल बढ़ता जा रहा है। पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से जुड़े गिरोह जिला पंचायती राज पदाधिकारी बनकर सरपंचों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। कॉल करने वाले हिंदी में बात करते हैं लेकिन उनकी भाषा संदिग्ध होती है। पुलिस जांच कर रही है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Bihar Crime: जिला पंचायती राज पदाधिकारी के नाम से सरपंचों को काल कर ठगी का प्रयास करने वाले साइबर फ्राड गिरोह के तार पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश से जुड़ रहे है। दरअसल, मड़वन के झखड़ा शेख के सरपंच नौशाद अहमद को बुधवार शाम फ्राड की काल आई।
बताया कि वह हिंदी में बात कर रहा था, लेकिन उतना स्पष्ट नहीं बोल पा रहा था। बोलचाल के क्रम में बांग्ला टोन कई बार निकल रही थी। इससे आशंका जताई जा रही कि उक्त काल बांग्लादेश अथवा पश्चिम बंगाल से आ रही होगी।
एक बार काल आने के बाद वह मोबाइल नंबर हमेशा के लिए स्विच आफ हो जा रहा है। साइबर हेल्पलाइन नंबर पर काल कर सरपंचों ने नंबर की जानकारी दी है। औराई पुलिस जांच कर लोकेशन पता करने में जुटी है।
करीब एक सप्ताह पूर्व औराई के भी एक सरपंच को फ्राड ने काल कर 76 हजार रुपये की ठगी कर ली थी। इस मामले में प्राथमिकी कराई गई थी। इधर, मड़वन के सरपंच की ओर से इसकी जानकारी प्रशासनिक पदाधिकारियों को दी गई है।
जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने एक बार फिर सभी को अलर्ट रहने को कहा है। ऐसी काल आने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर व निकटतम थाने में शिकायत कराने को कहा है।
विदित हो कि पूर्व में भी कई बार पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश से काल कर लोगों से ठगी करने की बात पुलिस छानबीन में सामने आ चुकी है। करीब तीन साल पहले शहर के एक बैंक कर्मी भी इसमें गिरफ्तार हुआ था।
छानबीन हुई तो पता लगा कि वह पश्चिम बंगाल के गिरोह के संपर्क में था। पुलिस को कई छद्म बैंक खाते की भी जानकारी मिली थी, जिसमें फ्राड की गई राशि का लेनदेन होता था।
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