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    दोनाली बंदूक से कोई खुद की कनपटी में कैसे मार सकता गोली... डा.आशुतोष चंद्र की मौत के मामले में उठने लगे सवाल

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 12:46 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर के माड़ीपुर में डॉक्टर आशुतोष चंद्र की संदिग्ध मौत की जांच पुलिस कर रही है। घटनास्थल से मोबाइल टैब और लाइसेंसी बंदूक जब्त की गई है। साइबर सेल मोबाइल और टैब की जांच करेगी जबकि बंदूक की बैलेस्टिक जांच होगी। परिवार ने आत्महत्या की बात कही है लेकिन पुलिस अन्य पहलुओं पर भी ध्यान दे रही है। घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं जिनकी जांच जारी है।

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    घटनास्थल से जब्त दोनाली बंदूक के साथ पुलिस का जवान। जागरण

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Bihar Crime: एमबीबीएस पूरी करने के बाद जूरन छपरा स्थित निजी हास्पिटल में जूनियर चिकित्सक के रूप में सेवा दे रहे डा.आशुतोष चंद्र की मौत के मामले में अब सवाल उठने लगे हैं। एक नहीं कई ऐसे सवाल हैं जिसका जवाब पुलिस को अपनी जांच के दौरान ढूंढ़ना होगा।

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    कई बिंदुओं पर जांच

    काजीमोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के माड़ीपुर स्थित जैतपुर कालोनी में शुक्रवार रात सिर में गोली लगने से डा.आशुतोष चंद्र की मौत हुई थी। इस मामले में पुलिस कई बिंदुओं पर जांच करने में जुटी है।

    डा. आशुतोष की मौत के बाद विलाप करते स्वजन। जागरण

    एक हाथ से पकड़कर गोली चलाना मुश्किल

    इस घटना को लेकर सबसे अहम सवाल यह है कि दोनाली बंदूक से खुद की कनपटी में गोली कैसे मार ली? इसकी लंबाई इतनी होती है कि एक हाथ से पकड़कर गोली चलाना मुश्किल है।

    बंदूक बाएं पैर के पास कैसे गिरी

    दूसरा सवाल है कि अगर गोली मारी तो बंदूक सिर के अगल-बगल होती, बाएं पैर के पास कैसे गिरी थी? इन सवालों से कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

    घटना के बाद कमरे की जांच करती पुलिस। जागरण

    भेजा पलंग पर होने पर संदेह उत्पन्न हो रहा

    चर्चा यह भी है कि चिकित्सक ने दोनाली बंदुक को दीवार में सटाकर खुद को गोली मार ली थी, लेकिन शव जिस प्रकार पड़ा था और भेजा पलंग पर होने पर संदेह उत्पन्न हो रहा है। पुलिस भी इन बिंदुओं पर जांच कर कार्रवाई करने में जुटी हुई है।

    मोबाइल व टैब से गुत्थी सुलझाने का दावा

    घटना जिस कमरे में हुई, वहां से चिकित्सक का मोबाइल, टैब व पिता के नाम की लाइसेंसी दोनाली बंदूक पुलिस ने जब्त की थी। इसकी जांच की जा रही है। मोबाइल व टैब से मौत की गुत्थी सुलझाने का दावा पुलिस की ओर से किया जा रहा है।

    डा. आशुतोष की मौत के बाद शोकाकुल स्वजन। जागरण

    वाट्सएप चैट खंगालने की कवायद

    इसका काल डिटेल्स व वाट्सएप चैट खंगालने की कवायद की जा रही है ताकि घटना का कारण पूरी तरह स्पष्ट हो सके। इसे लेकर मोबाइल और टैब की जांच साइबर सेल से कराई जाएगी। जबकि जब्त दोनाली बंदूक और कारतूस बैलेस्टिक जांच कराई जाएगी।

    एफएसएल जांच कराने की तैयारी

    इसके लिए पुलिस कोर्ट में शीघ्र अर्जी देगी। इसके बाद इसे एफएसएल जांच के लिए भेजा जाएगा। पुलिस यह जानना चाह रही है कि जिस गोली लगने से उसकी मौत हुई थी, वह उसी दोनाली बंदूक से चली थी या नहीं।

    घटना के बाद घर के बाहर जमा लोगों की भीड़। जागरण

    स्वजन आत्महत्या की बात कह रहे

    हालांकि पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में स्वजन ने खुद से दोनाली बंदूक से गोली मारकर आत्महत्या करने की बात बताई थी। घटना का कारण पीजी की प्रवेश परीक्षा में सफल नहीं होने से डिप्रेशन में होना बताया जा रहा है।

    एफएसएल रिपोर्ट पर भी नजरें टिकीं

    पुलिस भी इस घटना को प्रारंभिक तौर पर आत्महत्या मान रही है, लेकिन एफएसएल रिपोर्ट पर भी नजरें टिकी हैं। दरअसल, घटना के बाद एफएसएल की टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य के लिए नमूने संकलित किए थे। इस दौरान खून, फिंगर प्रिंट व दोनाली बंदूक जब्त की गई थी। इसकी जांच की जा रही है। एक सप्ताह पहले मृत चिकित्सक के पिता ने आर्म्स का सत्यापन कराया था।

    शनिवार को हुआ दाह संस्कार

    थानाध्यक्ष जयप्रकाश सिंह ने बताया कि शुक्रवार देर रात शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद स्वजन को सौंप दिया गया था। शव का दाह संस्कार शहर से बाहर किया गया। जैतपुर कालोनी वाले आवास पर सन्नाटा पसरा रहा। मोहल्ले में भी चहल-पहल कम दिखी।

    बयान दर्ज नहीं

    शहर में स्वजन के नहीं होने से काजीमोहम्मदपुर पुलिस उनका बयान नहीं दर्ज कर सकी। पुलिस छानबीन में दोपहर में घटनास्थल पर गई थी, लेकिन वहां कोई मिला नहीं। रविवार को उनलोगों के लौटने की संभावना है। इसके बाद बयान दर्ज किया जा सकेगा।

    अस्पताल से लौटने के बाद हुई थी घटना

    शुक्रवार रात अस्पताल से लौटने के बाद स्टडी रूम में थे। इसी दौरान गोली चलने की आवाज सुनाई पड़ी। उनकी मां भागकर गईं तो देखा कमरे में इकलौते बेटे का शव खून से लथपथ पड़ा है।

    पिता अविनाश पेट्रोल पंप व्यवसायी

    गोली लगने से सिर के चिथड़े उड़ गए थे। भेजा बिछावन पर पड़ा था। परिवार में दो बेटियां हैं। एक की शादी हो चुकी है। पिता अविनाश चंद्र पेट्रोल पंप व्यवसायी हैं। दिघरा समेत दो जगहों पर पेट्रोल पंप है। इनका ट्रक भी चलता है।

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