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    बिहार में बही उल्टी गंगा, सड़क किसी के बा** का नहीं कहा और खड़ी कर दी 15 फीट ऊंची दीवार

    बिहार स्थित मुजफ्फरपुर के कुढऩी प्रखंड अंतर्गत महंत मनियारी गांव का मामला। रैयतों ने बंद कर दिया रास्ता। बाहर निकलने के रास्ते पर दीवार होने के कारण पूरा परिवार घर में कैद रहने को हुआ मजबूर। आग्रह करने का नहीं हो रहा प्रभाव।

    By Ajit KumarEdited By: Updated: Fri, 22 Jul 2022 02:18 PM (IST)
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    Bihar Crime:रास्ते को अपनी जमीन होने का दावा करते हुए करा दिया चहारदीवारी का निर्माण। फोटो: जागरण

    मनियारी (मुजफ्फरपुर), संस। Bihar Crime: दूसरे को आने-जाने में परेशानी न हो इसके लिए न जाने लोग क्या-क्या करते हैं? सड़क साफ करने से लेकर फूल तक बिछा देते हैं, लेकिन हर कोई ऐसा ही हो, जरूरी तो नहीं। बिहार के मुजफ्फरपुर में इस विचारधारा के बिल्कुल ही उलट मामला देखने को मिल रहा है। जबसे यह बात सामने आई है, लोग कह रहे हैं कि यहां तो उल्टी गंगा ही बह रही है। रोचक तथ्य यह है कि न केवल पीड़ित वरन समाज के जनप्रतिनिधियों की ओर से आग्रह किए जाने के बाद भी रास्ता नहीं दिया जा रहा है। सड़क को निजी जमीन बताते हुए 15 फीट ऊंची दीवार खड़ी कर दी गई है।

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    घर के अंदर कैद हो गई जिंदगी

    कुढऩी प्रखंड अंतर्गत महंत मनियारी निवासी मो. मनीर अंसारी के घर में रह रहे सात सदस्यों का जीवन रास्ते के अभाव में घर के चारों तरफ 15 फीट ऊंची चहारदीवारी के अंदर कैद होकर रह गया है। रैयतों ने पूर्व के छह फीट के रास्ते को वर्तमान में अपनी जमीन होने का दावा पेश करते हुए छह माह पहले चहारदीवारी का निर्माण करा दिया। इसे लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मो.मनीर को घर से बाहर आने-जाने के लिए रास्ता देने के लिए अनुरोध किया, लेकिन रैयतों ने अपनी जिद के आगे किसी की नहीं सुनी। रास्ता बंद कर दिया। परिणाम यह हुआ कि 75 वर्षीय वृद्ध मो.मनीर, पत्नी जायदा खातून, बड़े पुत्र मो.नईम अंसारी, बहू कुलशुम प्रवीण, दूसरा पुत्र मो. मोइम आलम के साथ ही दो पुत्रियां नरकीय जीवन जीने को विवश हैं।

    नारकीय जीवन जी रहे

    मो.नईम ने बताया कि मां जुबैदा के दोनों पैर में फाइलेरिया होने से बिस्तर पर ही जीवन बिता रही हैैं। पिता भी ह्रदय रोग से ग्रसित होने से बिस्तर पर ही हैैं। रैयतों की मनमानी से रोज 15 फीट ऊंची दीवार फांदकर घर के जरूरत के सामान की पूर्ति कर किसी तरह जीवन निर्वाह कर रहे हैैं। रास्ते के बदले अपनी जमीन भी देना चाहता है, लेकिन मानवता खो चुके लोगों को हमारा नारकीय जीवन अच्छा लगता है। अंचलाधिकारी पंकज कुमार ने कहा कि पुराने नक्शे में रास्ता था। वहीं नए में यह गायब है। एसडीओ पश्चिमी को रिपोर्ट भेजकर अग्रिम कार्रवाई का अनुरोध किया गया है।