बिहार की बसों के सिटिंग अरेंजमेंट में बदलाव, महिलाओं-बच्चों के लिए होने जा रही विशेष व्यवस्था...अनदेखी पर होगी कार्रवाई
बसों के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। महिलाओं और बच्चों के लिए आगे की चार सीटें आरक्षित रहेंगी जिन पर विशेष चिह्न होगा। साथ ही निजी और सरकारी बसों के चालकों व खलासियों के लिए खाकी रंग की वर्दी और नेमप्लेट अनिवार्य कर दी गई है। यह फैसला यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को देखते हुए लिया गया है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बिहार की परिवहन व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव होने जा रही है। इसको निजी और सरकारी दोनों बसों में लागू करने का निर्देश दिया गया है। राज्य परिवहन आयुक्त आशुतोष द्विवेदी ने सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों को आदेश जारी किया है।
चार पंक्ति की सीट रिजर्व होगी
जारी नई व्यवस्था के तहत अब बसों में महिला एवं बच्चों के लिए आगे की चार पंक्ति की सीट रिजर्व होगी। इन सीटों का रंग भी अन्य सीटों से अलग रखने के लिए कहा गया है। इतना ही नहीं। इन सीटों पर पर ‘महिला एवं बच्चों के लिए है ’ भी लिखना अनिवार्य होगा।
महिला यात्रियों को होती परेशानी
राज्य परिवहन आयुक्त ने जारी पत्र में कहा है कि इसे सख्ती से लागू किया जाए। जानकारी के अनुसार बसों में महिलाओं की सीट पर अन्य यात्रियों को बैठा दिया जाता है। इससे महिला यात्रियों को काफी परेशानी होती है।
सख्त आदेश जारी किया
कभी-कभी यह स्थिति भी होती है कि महिलाएं सीट नहीं मिलने की वजह से खड़े होकर सफर करती हैं। इस तरह की शिकायत के बाद परिवहन विभाग ने इस संबंध में सख्त आदेश जारी किया है।
चालक-खलासी के लिए खाकी रंग का ड्रेस अनिवार्य
निजी एवं सरकारी बसों के चालक व खलासी के लिए खाकी रंग का ड्रेस पहनना अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही चालक व खलासी को ड्रेस पर अपना नेमप्लेट भी लिखना होगा।
समीक्षा के बाद दिया निर्देश
राज्य परिवहन आयुक्त आशुतोष द्विवेदी ने इस संबंध में सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों को आदेश जारी किया है। पत्र में कहा है कि अपर मुख्य सचिव परिवहन विभाग की अध्यक्षता में हुई समीक्षा में निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक चालक व खलासी को खाकी रंग के लिए ड्रेस पहनना अनिवार्य किया गया है।
नेमप्लेट भी लगाना होगा
इसके साथ ही चालक व खलासी को अपना पहचान जाहिर करने के लिए नेमप्लेट भी लगाना होगा। इसे सख्ती से पालन कराने का आदेश दिया गया है।
विभाग को मिली थी शिकायत
जानकारी के अनुसार निजी बसों के चालक व कंडक्टर मनमाने तरीके से कपड़ा पहनते है। कभी-कभी चालक गंजी व हाफ पैंट में भी होते है। इसके साथ ही खलासी का वेश-भूषा भी अमर्यादित होती है। इससे यात्री असहज महसूस करते हैं।
महिला यात्रियों को परेशानी
खासकर महिला यात्रियों को काफी परेशानी होती है। इस तरह की शिकायत विभाग के पास पहुंचने के बाद यह आदेश दिया गया है। डीटीओ कुमार सतेंद्र यादव ने कहा कि आदेश को सख्ती से लागू कराया जाएगा।
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