Bhai Dooj 2025: रवि और सर्वार्थसिद्धि योग में पूजा करना ही सर्वोत्तम, जानें कब है शुभ मुहूर्त?
Bhai Dooj 2025:भाई दूज भाई-बहन के प्रेम का त्योहार है। 2025 में यह रवि और सर्वार्थसिद्धि योग में मनाया जाएगा, जो इसे और भी खास बनाता है। इस दिन बहनें भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं। शुभ मुहूर्त में पूजा करने से रिश्तों में मधुरता आती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। 2025 में शुभ मुहूर्त की जानकारी प्राप्त करना फलदायी होगा।

इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Bhai Dooj Date 2025/ Bhai Dooj Shubh Muhurat 2025/ Bhai Dooj 2025: भाई दूज का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि को मनाया जाता है।
यह बहन-भाई के प्रेम का प्रतीक माना गया है। इस दिन भाई अपनी बहन के घर जाते हैं। पौरणिक मान्यता को ध्यान में रख यह पर्व मनाते हैं। इस दिन बहनें यम देवता से अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करतीं हैं।
पंडित प्रभात मिश्र, पंडित जयकिशोर मिश्र, पंडित रवि झा ने कहा कि रवियोग और सर्वार्थसिद्धि संयोग में शुभ माना गया है। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को टीका लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना करतीं हैं हर त्योहार के साथ वास्तु जुड़ा होता है। भाई दूज के साथ भी ऐसा ही है।
भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का प्रतीक है, जो इस साल 23 अक्टूबर 2025 यानी गुरुवार को मनाया जाएगा। यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आता है, जो 22 अक्टूबर की रात 8:16 बजे से शुरू होकर 23 अक्टूबर की रात 10:46 बजे तक रहेगा।
शुभ मुहूर्त:
पूजन का शुभ समय सुबह 05:05 से 08:55 तक है। इस समय बहनें अपने भाइयों को तिलक कर सकती हैं और उनकी लंबी उम्र, सुख-समृद्धि की कामना कर सकती हैं।
पूजा विधि:
- स्नान और पूजा स्थल की सफाई: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा स्थल को साफ-सुथरा करें।
- पूजा थाली तैयार करें: पूजा थाली में रोली, चंदन, अक्षत, दीपक, मिठाइयां और नारियल रखें।
- भाई को तिलक लगाएं: भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर बिठाएं और उनके माथे पर रोली या चंदन का तिलक लगाएं।
- आरती और प्रार्थना: भाई की आरती उतारें और उनकी लंबी उम्र, सुख-समृद्धि की कामना करें।
- उपहार और भोजन: भाई अपनी बहन को उपहार दें और साथ में भोजन करें।
चित्रगुप्त पूजा की तैयारी
शहर छाता चौक स्थित चित्रगुप्त कार्यालय परिसर में स्थापित चित्रगुप्त मंदिर में धूम-धाम से पूजा की जाएगी। इसकी तैयारी चल रही है। उधर मालीघाट में युवा संघ की ओर से भी पूजा की तैयारी चल रही है।
अमित प्रकाश ने बताया कि इस दिन बड़ी संख्या में समाज के लोग पूजा में शामिल होंगे। इधर, मालीघाट में भी चित्रगुप्त पूजा की तैयारी की गई हैं। यहां 1965 से पूजा होती है। कायस्थ समाज के लोग अपने आराध्य देव की आराधना करते हैं।
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