Muzaffarpur Latest news : दरभंगा में फिर मिले तीन टेंपर्ड टिकट, फर्जी टिकट माफिया से रहे सावधान
दरभंगा में तीन टेंपर्ड टिकट मिलने से हड़कंप मच गया है। टिकटों की जांच में टेंपरिंग का खुलासा हुआ है। फर्जी टिकट माफिया सक्रिय हैं, इसलिए यात्रियों को टिकट खरीदते समय सावधान रहने की सलाह दी जाती है। यात्रियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। टेंपर्ड टिकट मामले में मुजफ्फरपुर व हटिया से पांच जालसाजों के पकड़े जाने के बाद भी ऐसी घटनाएं रुक नहीं रही हैं। दरभंगा में फिर तीन टेंपर्ड टिकट पकड़े जाने का मामला प्रकाश में आया है। इसको लेकर समस्तीपुर रेल मंडल सहित पूर्व मध्य रेल में कामर्शियल से लेकर आरपीएफ के बीच हड़कंप मचा गया है। छानबीन शुरू कर दी गई है।
आरपीएफ कमांडेंट समस्तीपुर के आदेश पर दरभंगा स्टेशन के अनारक्षित टिकट काउंटरों से लेकर पूरे परिसर में लगे सीसी कैमरे खंगाले जा रहे हैं। वहीं कामर्शियल विभाग के साथ वित्त विभाग की टीम दरभंगा स्टेशन के साथ तुर्की व हाजीपुर स्टेशन तक जांच कर चुकी है।
बताया गया कि तुर्की स्टेशन से 18 नवंबर को तुर्की से हाजीपुर का पैसेंजर ट्रेन के तीन अनारक्षित टिकट लिए गए। उन तीनों टिकटों की टेंपरिंग कर दरभंगा से अहमदाबाद बना दिया गया। इसके बाद दरभंगा अनारक्षित काउंटर पर टिकट वापस करने गया। तीनों टिकट का दाम 1500 से अधिक है।
बुकिंग क्लर्क ने जैसे ही रिफंड के लिए कंप्यूटर पर टिकट का नंबर डाला, वह नंबर तुर्की स्टेशन से कटा हुआ बताया। उसके बाद उन तीनों टेंपर्ड टिकटों को जब्त कर कामर्शियल अधिकारी को दिया गया। रेलवे के अकाउंट सेक्शन के अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी गई।
गुरुवार सुबह सभी रेल अधिकारी तुर्की स्टेशन पर जांच करने पहुंचे तो पता चला यह टिकट वहीं से लिया गया है। इसकी जानकारी मंडल स्तर के पदाधिकारी को दी गई है। इधर आरपीएफ कमांडेंट को सूचना मिलने पर दरभंगा, मुजफ्फरपुर सहित अन्य स्टेशनों पर आरपीएफ के खुफिया को लगा दिया गया है। साथ ही यूटीएस इंचार्ज से इस मामले को लेकर शो-काज किया गया है।
कमांडेंट ने बताया टिकट वापस करने वाले व्यक्ति को बुकिंग क्लर्क ने क्यों छोड़ दिया। इसकी जानकारी आरपीएफ को तुरंत देनी चाहिए। इधर दरभंगा आरपीएफ इंस्पेक्टर की भी लापरवाही सामने आई है। वे उस व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाए जो टेंपर्ड टिकट लेकर आया था।
हालांकि कमांडेंट का दावा है कि इस मामले का शीघ्र उद्भेदन कर लिया जाएगा। बता दें कि पिछले साल मुजफ्फरपुर में इसी महीने में अनारक्षित टिकट काउंटर से आधा दर्जन टेंपर्ड टिकट रिफंड कराने के दौरान पकड़ा गया था। उस समय पर भी कामर्शियल अधिकारी आरपीएफ को सूचना किए बिना ही छोड़ दिया था।
इसकी पूरी जानकारी दैनिक जागरण में प्रमुखता से प्रकाशित की गई। इसके बाद आरपीएफ ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। आरपीएफ इंस्पेक्टर मुजफ्फरपुर मनीष कुमार ने खुफिया लगाकर मुजफ्फरपुर-यशवंतपुरा ट्रेन के खुलने के समय सुबह भोले-भाले यात्रियों को ठगी का शिकार बना टेंपर्ड टिकट देने के मामले का पर्दाफाश किया था।
संयोग से उनकी ट्रेन छूट गई और रिफंड लेने के दौरान यह मामला पकड़ में आया था। कुछ दिनों बाद आरपीएफ ने चार जालसाजों को रंगेहाथ दर्जनों टेंपर्ड टिकट के साथ गिरफ्तार किया था। उसके बाद पता चला कि पटना स्टेशन से पैसेंजर ट्रेन का टिकट लेकर टेंपरिंग कर मुजफ्फरपुर जंक्शन पर बेच रहा था।
सोनपुर, दानापुर सीनियर कमांडेंट ने मिलकर मामले का उद्भेदन किया तो पता चला कि पटना स्टेशन के सामने एक होटल में रहकर सारे जालसाज भोले-भाले यात्रियों को ठगी का शिकार बना रहे थे। इसके बाद झारखंड के जामतारा में आरपीएफ ने छापेमारी कर माइक्रो मुहर जब्त की थी। मुजफ्फरपुर में पकड़े गए सभी बदमाश पारू के रहने वाले है। उसके बाद रांची के हटिया में इसी गैंग का एक जालसाज पकड़ा गया। इस गिरोह के पांच बदमाशों को जेल भेजा गया।
आरपीएफ इंस्पेक्टर को डीआरएम ने दिया था नकद इनाम
टेंपरिंग टिकट बनाने वाले जालसाजों के सफलतापूर्वक उद्भेदन के बाद आरपीएफ इंस्पेक्टर मनीष कुमार को डीआरएम सोनपुर ने 40 हजार नकद पुरस्कार दिया था। उसके बाद इनको रेलवे बोर्ड में बुलाया गया। वहां विजिलेंस अधिकारियों ने टेंपरिंग टिकट गिरोह के उद्भेदन करने की पूरी जानकारी ली। पूर्व मध्य रेल मुख्यालय के विजिलेंस के कुछ अधिकारियों को भी वहां जानकारी के लिए बुलाया गया था।

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