बिहार में मोहम्मद अब्दुल्ला बन गया उमेश, कुरान छोड़ पहना जनेऊ; अजीब है समस्तीपुर की ये कहानी
बिहार में मोहम्मद अब्दुल्ला नाम के एक शख्स ने सनातन मत अपनाकर काली मंदिर में अपना संस्कार कराया। उसने जनेऊ और पीले वस्त्र पहनने के बाद अपना नाम उमेश रख लिया। 10 साल पहले भी इस युवक ने ऐसे ही चौंकाया था।
ताजपुर (समस्तीपुर),संस। यूपी में वसीम रिजवी के इस्लाम से सनातन मत अपनाने के बाद बिहार में भी घर वापसी का एक मामल सामने आया है। समस्तीपुर के अब्दुल्ला ने सनातन मत को अपनाते हुए उमेश बनने का फैसला किया है। ताजपुर निवासी अब्दुल्ला की शनिवार को घर वापसी कराई गई है। ताजा मामला ताजपुर थानांतर्गत भेरोखरा गांव का है। बताया जा रहा है कि करीब दस साल पहले भेरोखरा गांव का उमेश राय सनातन मत को त्याग कर इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था। हाल के दिनों में उमेश उर्फ अब्दुल्ला को पड़ोस के एक युवक ने जान से मारने की कोशिश की थी। जिसके बाद अब्दुल्ला ने पंचायत बुलाई। पंचायत में उल्टे अब्दुल्ला को ही गुनहगार मानते हुए उस युवक को बरी कर दिया गया। जिससे आहत होकर अब्दुल्ला ने फिर से सनातन मत में वापसी का मन बनाया।
गंगा जल से स्नान कराया गया
शनिवार को सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में उसने सनातन मत में वापसी की। अब्दुल्ला उर्फ उमेश को विधि-विधान के साथ भेरोखरा स्थित काली मंदिर में सनातन मत में वापसी कराया गया। गंगा जल से स्नान कराया गया। बाल-दाढ़ी कटवाया गया। इसके बाद उसे जनेऊ धारण कराया गया। उमेश ने कहा कि उसकी जान पर खतरा है।
अपनी लगातार हो रही उपेक्षा से आहत था उमेश
घर वापसी के लिए किए गए आयोजन के बाद मीडियाकर्मियों ने उससे पूछा कि क्या वह किसी तरह के दबाव में सनातन मत में वापस आ रहे हैं? इसके जवाब में उमेश ने कहा कि उसने स्वेच्छा से घर वापसी का फैसला कियाा है। इस्लाम धर्म अपनाने के बाद से समाज के लाेगों का उसके प्रति व्यवहार सामान्य नहीं था। हाल में एक पंचायती में सबलोगों ने उसे दरकिनार करते हुए गुनाहगार के हक में ही फैसला कर दिया था। इस घटना ने उसे अंदर से असुरक्षित कर दिया। इसके बाद घर वापसी का मन बना लिया।