FREE में अस्थायी गर्भनिरोध का एक और विकल्प, सदर अस्पताल व एसकेएमसीएच में प्रतिदिन लिया जा सकता लाभ
मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में इंप्लांट गर्भनिरोधक सेवा शुरू हो गई है। एसकेएमसीएच के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने प्रशिक्षण दिया जिसमें दस महिलाओं को इंप्लांट लगाया गया। चिकित्सकों के अनुसार यह विधि टिकिया से बेहतर और सुरक्षित है। सदर अस्पताल और एसकेएमसीएच में अब यह सेवा प्रतिदिन उपलब्ध रहेगी। पीएसआई इंडिया के सहयोग से यह सुविधा जिले के लाभार्थियों तक पहुंचाई जाएगी। यह विधि तीन से पांच साल तक कारगर है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News: गर्भनिरोधक की नई विधि इंप्लांट को लेकर महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है। सदर अस्पताल परिसर में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाओं को इस विधि के लाभ बताए गए। इस दौरान दस महिलाओं को इंप्लांट लगाया गया।
एसकेएमसीएच प्राचार्य डा. आभा रानी सिन्हा ने बताया कि टिकिया और अन्य गर्भनिरोधक उपाय पहले से प्रचलित हैं, लेकिन नए अस्थायी साधनों में इंप्लांट अधिक बेहतर और सुविधाजनक है।
एसकेएमसीएच की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डा. प्रतिभा ने कहा कि नई विधि को लेकर योग्य दंपतियों की अपेक्षाएं काफी बढ़ी हैं, इसलिए सदर अस्पताल और एसकेएमसीएच में अब प्रतिदिन इंप्लांट की सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।
बुधवार को आयोजित प्रशिक्षण में 12 चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया गया। सभी प्रशिक्षित चिकित्सकों ने इस विधि की सराहना करते हुए कहा कि यह अस्थायी गर्भनिरोधक साधनों में सबसे सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है।
अब प्रशिक्षित चिकित्सक, सरकार की सहयोगी संस्था पीएसआई इंडिया के तकनीकी सहयोग से जिले के लाभार्थियों को इंप्लांट की सुविधा प्रदान करेंगे। कार्यक्रम का उद्घाटन डा. आभा रानी सिन्हा, डा. प्रतिभा, पीएसआई इंडिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी मेराजुद्दीन अंसार, जिला प्रतिनिधि मोहम्मद मंजूर रहमान खान, काउंसलर अनु व अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से किया।
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