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    BRABU: केवल घोषणा तक सिमटा एकेडमिक सीनेट, राज्यपाल की उपस्थिति में प्रस्ताव पारित होने के बाद भी यह हश्र

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 02:32 PM (IST)

    BRA Bihar University बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में एकेडमिक सीनेट का आयोजन अब तक केवल घोषणाओं तक सीमित है। पिछले दो वर्षों से प्रस्ताव पारित होने के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन उदासीन है। सदस्यों ने जुलाई में एकेडमिक सीनेट कराने की मांग की लेकिन कोई योजना नहीं बनी। विश्वविद्यालय प्रशासन दीक्षा समारोह के आयोजन में व्यस्त है जिससे अकादमिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है।

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। BRA Bihar University: बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में एकेडमिक सीनेट का आयोजन अब तक केवल घोषणाओं में है। चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले दो वर्षों से सीनेट की बैठक में अकादमिक सीनेट कराए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया।

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    वर्ष 2024 के सीनेट में तो राज्यपाल की उपस्थिति में यह प्रस्ताव पारित हुआ, लेकिन विश्वविद्यालय इसका आयोजन नहीं करा सका। इस वर्ष भी जब सीनेट की बैठक हुई तो कई सदस्यों ने जुलाई में एकेडमिक सीनेट कराए जाने की मांग की।

    इस वर्ष भी इसका प्रस्ताव पारित किया गया लेकिन अब तक इसके आयोजन की कोई भी योजना विश्वविद्यालय प्रशासन के पास नहीं है। इससे पूर्व में भी बैठक की कार्यवाही के दौरान सदस्य काफी जोर-शोर से एकेडमिक मुद्दों के लिए अलग से बैठक बुलाए जाने की मांग करते रहे हैं लेकिन समय बीतने के बाद उनका भी उत्साह ठंडा पड़ जाता है।

    बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के प्राक्टर प्रो. बीएस राय ने बताया कि अभी विश्वविद्यालय के लिए सबसे जरूरी कार्य दीक्षा समारोह का आयोजन है। इसमें ही पूरी ऊर्जा लगी हुई है। छह वर्षों के बाद यह समारोह हो रहा है। इसके बाद अगर मौका मिलता है तो एकेडमिक सीनेट के आयोजन पर विचार होगा।

    एकेडमिक सीनेट से विश्वविद्यालय का एकेडमिक प्रोग्राम तय होता है। इसमें विभिन्न पाठ्यक्रमों के संचालन से लेकर कोर्स की रूपरेखा को स्थानीय जरूरतों के अनुसार बदलने और प्रभावी तरीके से लागू करने की योजना तैयार होती है।

    सत्र 2023 - 27 से स्नातक में सेमेस्टर सिस्टम शुरू है। इस वर्ष लगातार तीसरे सत्र में नामांकन हो रहा है लेकिन अब तक कई विषयों की पढ़ाई के लिए नोडल विभाग तक तय नहीं किए जा सके हैं। इस पर एकेडमिक काउंसिल से निर्णय होने के बाद सीनेट से पारित कराया जाना जरूरी है। साथ ही भविष्य के पाठ्यक्रमों का निर्धारण और विभिन्न कोर्स के बास्केट में से पाठ्यक्रमों का चयन पर सीनेट का अनुमोदन जरूरी है।

    लगातार दो सीनेट की बैठक में अकादमिक सीनेट कराए जाने का प्रस्ताव पारित किया जा रहा है। पिछले वर्ष बैठक में महामहिम की उपस्थिति में सहमति बनी थी। इस वर्ष भी बैठक में जोर-शोर से मुद्दा उठाया गया। लेकिन अब तक इसके आयोजन की तैयारी नहीं दिख रही है। कई अकादमिक मुद्दों पर निर्णय नहीं होने से पठन-पाठन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

     प्रो. प्रमोद कुमार, सीनेट सदस्य

    आमतौर पर सालाना होने वाले सीनेटकी बैठक में बजट और कालेजों की संबद्धता के मुद्दे हावी होते हैं। अगर एकेडमिक सीनेट नहीं होगा तो अकादमिक गतिविधियों पर ठोस रणनीति नहीं बनाई जा सकती है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस वर्ष आयोजन कराने की बात कही थी। निश्चित ही एकेडमिक सीनेट का आयोजन होना चाहिए। इसके लिए सीनेट सदस्यों की ओर से ज्ञापन दिया जाएगा।

     प्रो. जयकांत सिंह। सीनेट सदस्य