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बिहार का एक अनूठा विभाग, जहां एक सूचना की कीमत पांच लाख रुपये

Unique case of RTI नगर निगम में पिछले 10 वर्षों में नाला निर्माण को लेकर सूचना का जवाब देने के लिए मांगी गई राशि। कुल तीन सूचनाओं के लिए लगभग छह लाख लाख रुपये का निगम ने भेजा पत्र। इसके विरुद्ध आवेदनकर्ता अपील करने की तैयारी कर रहे हैं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 08 Jan 2022 11:35 AM (IST)Updated: Sat, 08 Jan 2022 11:35 AM (IST)
बिहार का एक अनूठा विभाग, जहां एक सूचना की कीमत पांच लाख रुपये
आरटीआइ के दो अन्य आवेदन के 46 हजार 502 और 46 हजार 502 रुपये की मांग की है।

मुजफ्फरपुर, [प्रेम शंकर मिश्रा]। Unique case of RTI: योजनाओं में पारदर्शिता के लिए सरकार ने सूचना का अधिकार (आरटीआइ) कानून बनाया। इसका असर भी हुआ। कई घोटाले सामने आए। यही कारण है कि गलती पकड़े जाने के डर से सरकारी कार्यालय ऐसे बहाने ढूंढ़ते हैं कि सूचना न देनी पड़े। ऐसा ही मामला नगर निगम में आया है। यहां एक सूचना के लिए पांच लाख रुपये की मांग की गई है। इसके विरुद्ध आवेदनकर्ता अपील करने की तैयारी कर रहे हैं। साथ ही सूचना के लिए डिजिटल कापी (सीडी या पेन ड्राइव) के विकल्प पर विचार कर रहे।

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कितने पेज में दी जाएगी सूचना, जिक्र नहीं

रजी हसन ने निगम क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों में नाला निर्माण को लेकर बीते 16 दिसंबर को सूचना मांगी थी। तीन जनवरी को नगर आयुक्त की ओर से भेजे गए जवाब में कहा गया है कि सूचना वाल्यूमिनस (बहुत अधिक) है। इस पर लाखों रुपये खर्च होंगे। इस कारण सूचना के लिए पांच लाख रुपये देने होंगे। जवाब में यह नहीं बताया गया है कि सूचना कितने पेज में है। अब तक करीब दो हजार आरटीआइ आवेदन कर चुके रजी कहते हैं, जवाब भ्रामक है। पहले यह बताया जाना था कि कितने पेज में जवाब है। इसके आधार पर ही राशि तय होती है। यहां पेज का जिक्र ही नहीं। पेज अधिक हैं तो पेन ड्राइव या सीडी में जवाब दिया जा सकता है।

दो अन्य सूचनाओं के लिए 46-46 हजार रुपये

आरटीआइ के दो अन्य आवेदन पर तीन जनवरी को ही भेजे गए जवाब में निगम ने 46,502 और 46,502 रुपये की मांग की है। निगम के वार्ड-एक से 49 में कितनी जलमीनार बनी हैं। कितनी अपूर्ण अवस्था में हैं। एजेंसी, संवेदक, कार्यादेश, निविदा आदि की जानकारी 23 हजार 551 पेज में होने की बात निगम ने कही है। वहीं, सभी वार्ड में नल-जल योजना की जानकारी के लिए भी इतने ही पेज में जवाब होने की बात कही गई है। अब एक जोर जहां सरकार पेपरलेस कार्य को बढ़ावा दे रही, निगम एक सूचना के लिए इतने पेज का उपयोग करने की बात कर रहा। यह स्थिति तब है, जब 50 रुपये प्रति सीडी के रूप में भी जवाब देने का प्रविधान है। यह भी प्रविधान है कि आवेदनकर्ता मांगी गई जानकारी संबंधी कागजात देख सकते हैं। उसमें से जितना जरूरी हो, वह कागजात ले सकते हैं। इस तरह की बात भी निगम की तरफ से नहीं की गई है।

रजी के अनुसार जिला योजना कार्यालय ने एक सूचना के लिए दो लाख, 45 हजार रुपये मांगे गए थे। अपील के बाद जिला योजना विभाग से जुड़े स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन को सीडी में जवाब देने को बाध्य होना पड़ा था। मुजफ्फरपुर के नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने कहा कि एक साथ पिछले 10 वर्षों की योजनाओं की सूचना मांगी गई है। यह बहुत अधिक है। पूरी सूचना निकालने और गिनती करवाने में ही एक माह से अधिक समय लग जाएगा। तीन साल के कागजात बांधकर रख दिए जाते हैं। यह सूचना देने में अधिक खर्च आएगा, इसलिए यह राशि मांगी गई है। 


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