स्कूल से घर लौटे रहे बच्चों को कुत्ते ने काटा, मुजफ्फरपुर के औराई में एक दिन में आठ लोगों को किया जख्मी
मुजफ्फरपुर के औराई में आवारा कुत्तों का आतंक देखने को मिला जहां कुत्तों ने कई लोगों को काट लिया जिनमें बच्चे भी शामिल हैं। घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया लेकिन वहां एंटी रैबीज इंजेक्शन और एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिलने पर उन्हें निजी वाहन से एसकेएमसीएच पहुंचाया गया। ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। औराई थाना क्षेत्र के नया गांव में मंगलवार को कुत्तों का आतंक के बीच ग्रामीणों में अफरातफरी मची रही। इस बीच कुत्तों ने दो घरों में घुसकर चार लोगों को काट लिया। यही नहीं गांव के चार अन्य लोगों में काट लिया।
बताया जा रहा है कि कुत्ते ने गांव के स्कूल से घर लौटे रहे बच्चों और लोगों पर हमला बोल दिया। हमले में अनुराधा कुमारी, मो. इरशाद, प्रशांत कुमार, अन्नया, प्रियांश कुमार समेत अन्य लोग जख्मी हो गए। स्थानीय लोगों ने सभी को आनन-फानन में स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए।
जहां से डॉक्टर ने एसकेएमसीएच रेफर कर दिया। एसकेएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में डाक्टर ने सभी का इलाज किया है। स्वजनों ने बताया है कि घटना को लेकर गांव में दहशत बना है। आवारा कुत्ते को लेकर ग्रामीण परेशान है। स्थानीय प्रशासन ध्यान नहीं देती है।
वहीं कुछ ग्रामीणों ने बताया कि अधिक संख्या में लोगों के जख्मी के बाद भी पीएचसी से एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल सकी। एंटी रैबिज इंजेक्शन तक नहीं मिला। वहां से सीधे एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया। मजबूरन लोगों को निजी वाहन के सहारे एसकेएमसीएच पहुंचना पड़ा। यहां इमरजेंसी में इलाज हुई। दोबारा डाक्टर ने बुधवार को एंटी रैबीज इंजेक्शन के लिए बुलाया है।
एसकेएमसीएच में आइसीयू में बेड का अभाव, इमरजेंसी में इलाज
मुजफ्फरपुर : श्रीकृष्णा मेडिकल कालेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) की इमरजेंसी में मरीजों की बेबसी लगातार सामने आ रही है। कोरोना काल में बनाए गए 30 बेड वाली आइसीयू में जगह खाली न होने के कारण गंभीर मरीजों को घंटों-घंटों इंतजार करना पड़ता है।
हालात यह है कि किसी को चार तो किसी को आठ घंटे तो किसी को 24 घंटे बाद भी आइसीयू का बेड नसीब नहीं होता। इस बीच इमरजेंसी वार्ड में दर्जनों मरीज आइसीयू में इलाज के इंतजार में जिंदगी और मौत से जूझते रहते हैं।
मंगलवार को शाही मीनापुर की राजली देवी का अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ गया। उनकी हालत बिगड़ गई। डयू्टी पर तैनात डाक्टर ने उन्हें आइसीयू में शिफ्ट करने की सलाह दी। वहां बेड खाली न होने के कारण वह चार घंटे से इमरजेंसी वार्ड में इंतजार कर रही थीं।
इमरजेंसी वार्ड में मौजूद स्वजन ने बताया कि सिर्फ राजली देवी ही नहीं, ऐसे दर्जनों मरीज हैं जिन्हें तुरंत आईसीयू की जरूरत है। सीट न मिलने से उन्हें वहीं तड़पना पड़ रहा है। कई मरीज इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं। अस्पताल प्रबंधन सचिन कुमार ने बताया कि एसकेएमसीएच में मरीजों का लोड अधिक है। मरीज के अनुकूल आइसीयू में बेड की संख्या कम है। बेड के लिए कुछ मरीजों को इंतजार करना पड़ता है।
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